रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना को शीघ्र पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने माैखिक रूप से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) से जानना चाहा कि सीवरेज-ड्रेनेज योजना के फेज-वन के लिए क्यों अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) रांची नगर निगम को नहीं दिया जा रहा है. इस समस्या का कैसे समाधान होगा. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के दाैरान एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर व रांची नगर निगम के प्रशासक को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. वहीं, खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि योजना के फेज-टू, थ्री और फोर की स्क्रूटनी का कार्य पूरा हुआ या नहीं. आगे की प्रक्रिया कब होगी. मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि फेज-वन का कार्य रांची नगर निगम द्वारा कराया जा रहा है. लगभग 82 से 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. एनएचएआइ से अब तक एनओसी नहीं मिला है. एनएचएआइ छह तरह की शर्तें लगा कर एनओसी नहीं दे रहा है. इस कारण कार्य बाधित है. एनओसी मिलने के बाद शेष कार्य जल्द पूरा हो जायेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अरविंदर सिंह देओल ने जनहित याचिका दायर की है.
सीवरेज-ड्रेनेज योजना के फेज-वन के लिए क्यों नहीं दिया जा रहा एनओसी : हाइकोर्ट
मामला रांची के सीवरेज-ड्रेनेज फेज-वन के शीघ्र निर्माण का, अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर व रांची नगर निगम के प्रशासक को उपस्थित होने का निर्देश.
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