आय से अधिक संपत्ति के मामले में दायर शिबू सोरेन (Shibu Soren) की याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. लोकपाल की जांच का सामना कर रहे झामुमो प्रमुख व सांसद शिबू सोरेन ने दिल्ली हाइकोर्ट में लेटेस्ट पेटेंट अपील (LPA) दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें लोकपाल की जांच पर रोक लगाने से इंकार करने के हाइकोर्ट के एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी. मंगलवार, 20 फरवरी को इस मामले की सुनवाई का मामला न्यायाधीश रेखा पल्ली और न्यायाधीश रजनीश भटनागर की खंडपीठ में हुई.
सोमवार को ही होनी थी सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर शिबू सोरेन की याचिका पर सोमवार, 19 फरवरी को ही सुनवाई होनी थी. यह मामला न्यायाधीश रेखा पल्ली व न्यायाधीश सुधीर कुमार जैन की खंडपीठ के समक्ष आया था, लेकिन सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश होनेवाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में व्यस्तता का हवाला दिया गया और सुनवाई को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. जिसके बाद मंगलवार को यह मामला न्यायाधीश रेखा पल्ली और न्यायाधीश रजनीश भटनागर डबल बेंच के सामने आया.
दिल्ली हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित
मंगलवार को सुनवाई के दौरान, पार्थी शिबू सोरेन की ओर से अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल ने अदालत में बहस की और पक्ष रखा. सभी पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट के डबल बेंच में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि जनवरी में जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल पीठ ने लोकपाल के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि इस हालात में याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने शिबू सोरेन व परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का आरोप लगाते हुए अगस्त 2020 में लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी. इस शिकायत के आधार पर लोकपाल ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था, जिसे शिबू सोरेन ने चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की थी.