वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर के पूर्व उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने व चुनावी कार्यों से अलग रखने के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली चुनाव आयोग की अपील याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने प्रार्थी व प्रतिवादी का पक्ष सुना. मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भारत चुनाव आयोग की ओर से अपील याचिका दायर की गयी है. भारत चुनाव आयोग ने याचिका में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है. एकल पीठ ने चुनाव आयोग की उस दलील को नहीं माना था कि इस मामले की सुनवाई कैट में होनी चाहिए. एकल पीठ ने कहा था कि यह मामला रिट पिटीशन सर्विस (डब्ल्यूपीएस) का नहीं है. यह मामला रिट पिटीशन सिविल (डब्ल्यूपीसी) का है. मामले को डब्ल्यूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए मामले को सक्षम बेंच में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था. छह दिसंबर 2021 को चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा था, जिसमें देवघर के तत्कालीन उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी मंजूनाथ को पद से हटाने व चुनावी कार्य में नहीं लगाने का आदेश दिया था, जिसे मंजूनाथ की ओर से चुनौती दी गयी थी.
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