Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश और अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज आवंटन मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अवकाशकालीन खंडपीठ में मेंटेनेबिलिटी पर हुई सुनवाई पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. अब शुक्रवार यानी तीन जून, 2022 को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.
अब सबकी निगाहें तीन जून के फैसले पर
झारखंड के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अवकाशकालीन खंडपीठ में मेंटेनेबिलिटी पर हुई सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. इस मामले में अब कोर्ट तीन जून को फैसला सुनाएगी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.
सीएम हेमंत के अधिवक्ता ने दायर की है IA पिटीशन
बता दें कि माइनिंग लीज मामले में सीएम हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने IA पिटीशन दायर किया है. इसमें कहा गया कि प्रार्थी शिव शंकर द्वारा दायर PIL मोटिवेटेड है. सीएम श्री सोरेन और उनके परिवार से व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए दायर की गयी है. प्रार्थी ने राजनीतिक उद्देश्य से PIL दायर की है.
Also Read: झारखंड सचिवालय आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 28 जून से शुरू होंगे आवेदन
क्या है मामला
भाजपा ने माइनिंग लीज मामले में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9A के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 14 फरवरी, 2022 को राज्यपाल के पास एक आवेदन दिया था. जिसमें राज्यपाल ने आर्टिकल-192 (2) के तहत चुनाव आयोग से राय मांगी है. चुनाव आयोग ने भाजपा झारखंड प्रदेश बनाम हेमंत सोरेन केस (3(जी)/2022) दर्ज कर दो मई को नोटिस जारी की है.
Posted By: Samir Ranjan.