रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने जलस्रोतों के संरक्षण और हटिया, कांके व गेतलसूद डैम को अतिक्रमण मुक्त करने तथा साफ-सफाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान जलस्रोतों के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण नहीं होने के राज्य सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी जतायी.
अतिक्रमण होने से डैमों में जल संचय की क्षमता घट गयी
खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि रांची के जल स्रोतों के कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्रवाई हुई है. कांके, हटिया व गेतलसूद डैम में कैचमेंट एरिया का अतिक्रमण होने से डैम में जल संचय करने की क्षमता घट गयी है. डैमों में पानी कम स्टोर हो रहा है. डैम के एरिया में अतिक्रमण साफ देखा जा सकता है, लेकिन राज्य सरकार डैमों में पानी की कमी का कारण अतिक्रमण को नहीं मान रही है तथा कम वर्षा होने को कारण बताती है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि कांके डैम में घरों से निकला गंदा पानी सीधे जा रहा है. इसे रोकने की कोई पहल नहीं हो रही है. तीनों डैम के कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाने को लेकर समुचित कार्रवाई की जानी चाहिए थी.
गंदा पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ होने के बाद ही बड़ा तालाब में जाये
खंडपीठ ने कहा कि रांची के बड़ा तालाब में नाली का गंदा पानी जा रहा है. रांची नगर निगम को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे गंदा पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ होने के बाद ही बड़ा तालाब में जाये. खंडपीठ ने यह भी कहा कि सेवा सदन बड़ा अस्पताल है. उससे निकलनेवाली गंदगी का ट्रीटमेंट स्वयं अस्पताल को करना चाहिए. खंडपीठ ने रांची नगर निगम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हर हाल में सेवा सदन की गंदगी बड़ा तालाब में नहीं जानी चाहिए. खंडपीठ ने अतिक्रमण हटाने के मामले में राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया.
नगर निगम को जवाब दायर करने का निर्देश
खंडपीठ ने हिनू में चहारदीवारी बना कर तथा उसमें मिट्टी भर कर नदी का अतिक्रमण करने को गंभीरता से लेते हुए रांची नगर निगम को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. इस मामले में नगर निगम को अगली सुनवाई के पूर्व जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई छह सितंबर को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पक्ष रखा. वहीं, रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव व आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की. मामले में एमिकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है