Jharkhand News: राजेश कुमार, रांची- रोज-रोज की सड़क जाम से त्रस्त है राजधानी रांची. ट्रैफिक व्यवस्था बेहाल है. राजधानी की सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही हैं. पिछले 21 वर्षों में सड़कें नहीं बढ़ीं, लेकिन उन पर गाड़ियों का बोझ बढ़ता चला गया. औसतन हर साल राजधानी में एक लाख से ज्यादा गाड़ियां बढ़ रही हैं. ट्रैफिक पर दबाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं के बराबर बढ़ी हैं.
जाहिर है झारखंड राज्य बनने के 21 साल बाद भी राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायी है. यहां के लोग हर दिन जाम की समस्या से जूझ रहे हैं. शहर की मुख्य सड़कों पर रोज जाम लगना आम बात है. अगर आठ या दस किलोमीटर की दूरी तय करनी हो, तो 15 से 20 मिनट सिर्फ जाम से निपटने में खर्च हो जाते हैं. ऐसे में आम आदमी को मानसिक तनाव झेलना पड़ता है. राजधानी की सड़कों की ट्रैफिक लाइट भी महीनों खराब रहती है. ट्रैफिक की बुनियादी सुविधाएं भी नहीं बढ़ रही हैं.
हर दिन बढ़ रही वाहनों की संख्या : रांची में प्रति दिन वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. राजधानी में फिलहाल साढ़े 12 लाख से ज्यादा निबंधित गाड़ियां हैं. रांची में निबंधित वाहनों की संख्या भी बढ़ी है. कुल निबंधित वाहनों की संख्या लगभग 12,61,277 हो गयी है.
जनवरी 2021 से लेकर 24 नवंबर, 2021 तक में कुल 82,479 वाहन निबंधित हुए हैं, जबकि, 2020 में निबंधित वाहनों की संख्या 94,911, 2019 में 1,09,560, 2018 में 1,31,709 और 2017 में कुल निबंधित वाहनों की संख्या 1,20,496 है. यानी कोरोना काल में भी हर वर्ष करीब एक लाख नयी गाड़ियां सड़क पर उतर रही थीं. वहीं कोराना से पूर्व यह आंकड़ा एक लाख से ज्यादा था़
साल व वाहनों की संख्या
2021 82,479
2020 94,911
2019 1,09,560
2018 1,31,709
2017 1,20,496
रांची में आठ लाख से अधिक है मोटरसाइकिल: रांची में मोटरसाइकिल और मोपेड की बात करें, तो कुल वाहनों की संख्या 8,70,763 है. इसमें मोटरसाइकिलों की संख्या 8,47,690 है. जबकि, चार पहिया वाहनों की संख्या 2,40,675 है. इसमें निजी चार पहिया वाहनों की संख्या 2,31,622 है.