Jharkhand Weather: उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव का असर झारखंड में दिखने लगा है. 30 सितंबर से ही राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिलों में बारिश होने लगी है. अगले 24 घंटे में इसके और प्रभावी होने की उम्मीद है. जिसके बाद कई जिलों में भारी बारिश होगी. निम्न दबाव के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में अलग-अलग दिनों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है. मौसम केंद्र ने इसको लेकर ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है. विभाग ने राज्य के 6 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 7 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. अलर्ट के दौरान वज्रपात की काफी ज्यादा आशंका होती है. ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों को इससे बचने की अपील की है.
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ऑरेंज अलर्ट वाले जिले – साहिबगंज, धनबाद, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां
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येलो अलर्ट वाले जिले – गोड्डा, दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, रामगढ़, रांची और खूंटी
कब तक होगी बारिश
मौसम केंद्र की वैज्ञानिक डॉ प्रीति गुणवनी के अनुसार, झारखंड में मानसून सक्रिय है. शनिवार को सबसे अधिक बारिश जामताड़ा के फतेहपुर में 68 मिमी हुई है. अभी उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में सिस्टम है. यह 24 घंटे में पश्चिम बंगाल तट पर पहुंचेगा. इससे करीब-करीब पूरे राज्य में बारिश हो सकती है. इस कारण अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेसि की गिरावट हो सकती है.
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एक अक्टूबर को गुमला, खूंटी, सिमडेगा, रांची, धनबाद तथा पश्चिमी सिंहभूम में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.
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दो अक्टूबर को साहिबगंज, गोड्डा, देवघर, दुमका, साहिबगंज, हजारीबाग और कोडरमा में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.
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तीन अक्टूबर को राज्य के पश्चिमी हिस्से गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, सिमडेगा जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.
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4 अक्टूबर से बारिश में कमी आ सकती है, लेकिन पूरी तरह राहत नहीं मिलेगी.
वज्रपात से कैसे बचें
चूंकि, झारखंड में मानसून विदाई से पहले जमकर बरस रहा है और अभी भी राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी है. मौसम विभाग ने ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सावधान भी किया है तो ऐसे में लोगों को अपनी सुरक्षा का खास ख्याल रखना चाहिए. आइए जानते हैं वज्रपात से कैसे बचें ?
वज्रपात से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
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किसी तरह का अलर्ट जारी होने पर लोग सतर्क और सावधान रहें.
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मेघ गरजने लगे और बारिश हो, तो सुरक्षित जगह पर शरण लें.
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किसी भी सूरत में मेघ गर्जन के दौरान पेड़ के नीचे शरण न लें.
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अगर आप किसी बिजली के खंभे के आसपास हैं, तो उससे दूर हो जायें.
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बारिश और मेघ गर्जन के दौरान किसान इस समय अपने खेतों में जाने से बचें.
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अगर किसान का अपने खेत पर जाना बहुत जरूरी है, तो मौसम के सामान्य होने का इंतजार करें.
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वज्रपात से बचाव के लिए किसी ऊंचे क्षेत्र में न जाएं क्योंकि बिजली गिरने का सबसे अधिक खतरा वहीं होता है.
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अगर किसी खुले स्थान में हो तो वहां से किसी पक्के मकान में तुरंत चले जाएं और खिड़की एवं दरवाजों से दूर रहें.
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घर में पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि बिजली के उपकरणों से दूर रहें और उन्हें बंद कर दें.
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बिजली के पोल और टेलिविजन या मोबाईल टावर से दूर रहें.
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बिजली की चमक या बादलों के गरजने की आवाज सुनकर किसी पेड़ के नीचे नहीं जाएं.
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एक जगह पर समूह में खड़े न हों, कम से कम 15 फीट दूरी बनाए.