झारखंड में तीन दिन तक भारी वर्षा की चेतावनी, संताल परगना के लिए मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
झारखंड में मानसून सक्रिय है. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट जारी कर कहा है कि संताल परगना के 6 जिलों में तीन दिन तक कहीं-कहीं भारी बारिश होगी. इस दौरान किसानों और बागवानी करने वालों की फसल को नुकसान हो सकता है. इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है.
झारखंड में तीन दिन तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गयी है. इस दौरान किसानों की फसलों को नुकसान हो सकता है. बागवानी फसल को भी नुकसान होने की आशंका है. इतना ही नहीं, निचले इलाकों में जल जमाव की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने रविवार को स्पेशल बुलेटिन जारी कर यह चेतावन दी है.
11, 12 और 13 जुलाई को होगी भारी बारिश
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के निकट हिनू रोड स्थित मौसम केंद्र ने भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि झारखंड के उत्तर-पूर्वी हिस्से में 11, 12 और 13 जुलाई को भारी वर्षा होने की आशंका है. मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्षा का अलर्ट मुख्य रूप से संताल परगना के छह जिलों के लिए है. इसमें देवघर, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज जिले शामिल हैं.
खेती-किसानी, बागवानी करने वाले बरतें सावधानी
मौसम विभाग के मुताबिक, झारखंड के इन छह जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है. इस दौरान आम लोगों के साथ-साथ खेती-किसानी और बागवानी करने वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. मौसम विभाग ने कहा है कि भारी बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है. अगर पौधरोपण किया है, तो उसको भी नुकसान होने की आशंका है.
मौसम केंद्र ने जारी किया परामर्श
भारी बारिश का अलर्ट जारी करने के साथ ही मौसम केंद्र ने लोगों के लिए परामर्श भी जारी किया है. इसमें गया है कि किसान खेतों और बगीचों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें. सब्जियां और फल अगर पक गये हैं, तो उसकी समय रहते तुड़ाई कर लें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रख लें. ऐसा नहीं करने पर उनके सड़ने का खतरा बढ़ जायेगा.
पेड़ या बिजली के पोल के नीचे न रहें
इतना ही नहीं, जल जमाव वाले क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह भी मौसम विभाग ने दी है, क्योंकि अगर गहराई का अंदाजा नहीं रहा, तो दुर्घटना हो सकती है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को खराब मौसम के दौरान खेतों में भी नहीं जाना चाहिए, क्योंकि वज्रपात की आशंका रहती है. इस दौरान किसी पेड़ या बिजली के पोल के पास न खुद रहें, न अपने मवेशियों को छोड़ें. पक्की छत के नीचे शरण लें.
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