Video : सबसे बुरे दौर से गुजर रही HEC, अबतक 50 इंजीनियरों ने छोड़ी नौकरी
भविष्य को लेकर चिंतित औसतन पांच-छह अभियंता हर महीने नौकरी छोड़ रहे हैं.
एक वक्त पर मदर ऑफ ऑल इंड्रस्टी कही जानी वाली एचईसी आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. जी हां, आर्थिक संकट, अनियमित वेतन और अपने भविष्य को लेकर चिंतित औसतन पांच-छह अभियंता हर महीने नौकरी छोड़ रहे हैं. वहीं, विभिन्न विभागों के भी लगभग एक दर्जन अधिकारी व कर्मचारी नौकरी छोड़ कर दूसरी कंपनियों में योगदान दे चुके हैं. एचइसी के अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 50 से अधिक इंजीनियर व लगभग एक दर्जन अधिकारी व कर्मियों ने एचइसी को अलविदा कह दिया है.
वहीं, करीब 300 कर्मियों ने प्रबंधन से दूसरी कंपनी में आवेदन करने के लिए अनुमति मांगी है. एचइसी के एक अभियंता ने बताया कि एचइसी में वेतन पुनरीक्षण कई वर्षों से लंबित है. दूसरी सुविधाएं भी धीरे-धीरे बंद होती जा रही हैं. कंपनी की स्थिति यह है कि कार्यशील पूंजी के अभाव में तीनों प्लांट के कई शॉप बंद पड़े हुए हैं. अधिकारियों का 17 माह व कर्मियों का 15 माह का वेतन बकाया है. वहीं, केंद्र सरकार ने एचइसी को फिलहाल कोई वित्तीय मदद नहीं देने की घोषणा की है.
एचइसी में काम करनेवाले कई कर्मियों ने बैंक से पर्सनल व पीएफ लोन लिया है. उन्हें इसकी इएमआइ एक निश्चित तिथि को देनी पड़ती है. लेकिन, समय पर वेतन नहीं मिलने से वह इएमआइ जमा नहीं कर पा रहे हैं और ब्याज बढ़ता जा रहा है. कर्मियों को कर्ज देने का गारंटर एचइसी बना है. हर माह की 10 तारीख तक वेतन भुगतान करने की शर्त पर बैंकों ने कर्मचारियों को लोन दिया है. इधर, हटिया मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने कहा कि अगर प्रबंधन समय पर वेतन नहीं दे रहा है, तो ब्याज का जुर्माना प्रबंधन को भुगतान करना चाहिए.