रांची: गंभीर आर्थिक संकट झेल रहे एचइसी के सप्लाई व स्थायी कर्मियों का इलाज 30 सितंबर से बंद होने की संभावना है. कारण यह है कि प्रबंधन ने इएसआई को भुगतान नहीं किया है. वहीं स्थायी कर्मियों का मेडिकल इंश्योरेंस का भी पैसा भुगतान नहीं किया गया है. उक्त बातें एचइसी बचाओ जन संघर्ष समिति की ओर से गुरुवार को एचइसी मुख्यालय के समक्ष आयोजित प्रदर्शन सह सभा को संबोधित करते हुए लालदेव सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि कर्मियों की मांगों को लेकर समिति आने वाले दिनों में व्यापक आंदोलन करेगी. इसी के तहत 29 सितंबर को एफएफपी गेट पर दिन के एक बजे से सभा होगी तथा 30 सितंबर को एचएमटीपी गेट पर एक बजे सभा होगी. तीन अक्तूबर को 8.30 बजे से एचइसी मुख्यालय का घेराव किया जायेगा.
वहीं हटिया मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने प्रबंधन से कर्मचारियेां को वेतन भुगतान की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब कर्मचारियों के सामने भुखमरी की नौबत आ गयी है. एक साल से प्रबंधन ने कर्मियों का प्रमोशन रोक रखा है. जबकि अधिकारियों का प्रमोशन एक साल पहले ही कर दिया गया. इससे कामगारों में प्रबंधन के प्रति आक्रोश है. ईएसआई का बकाया लगभग 80 लाख रुपये हो गया है. इस कारण ठेका मजदूरों का इएसआई में इलाज बंद होने जा रहा है. इसी तरह स्थायी कर्मचारियों के मेडिकल इंश्योरेंस का पैसा 30 सितंबर तक जमा नहीं हुआ, तो इलाज बंद हो जायेगा. उन्होंने कहा कि सीपीएफ भी मिलना बंद हो गया है. कारखाने का कैंटीन चालू नहीं किया जा रहा है. सभा को भवन सिंह, लालदेव सिंह, प्रकाश कुमार, प्रेम प्रकाश साहू ने संबोधित किया. सभा की अध्यक्षता राम कुमार नायक ने की.
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रांची : झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को ई-मेल किया है. केंद्र सरकार सरकार से एचइसी को अविलंब 720 करोड़ रुपये का कोलैटरल लोन स्वीकृत करने की मांग की गयी है. ताकि, यह कंपनी फिर से पुराने तेवर में लौट सके. उन्होंने कहा कि एचइसी के पास वर्क ऑर्डर की कमी नहीं है, लेकिन वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर काम पूरा नहीं हो पा रहा है. कंपनी लगातार घाटे में जा रही है.
प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने एचइसी की बदहाली के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है, तब से केंद्र सरकार की गलत नीतियों और सौतेला व्यवहार के कारण एचइसी का हाल बेहाल है. डॉ कुमार ने कहा कि एचइसी देश की बड़ी धरोहर है, इसे बचाना जरूरी है. केंद्र सरकार के भेदभाव की नीति के कारण आज यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि कर्मियों को 18 माह से वेतन नहीं मिला है. मजदूर भुखमरी के कगार पर खड़े हैं. वहीं दूसरी तरफ भाजपा के सांसद मंत्री मूकदर्शक बने हुए हैं.