HEC के साथ केंद्रीय उद्योग मंत्री की बैठक लेकिन नहीं निकला कोई समाधान, हर तरह की मांग हुई खारिज
एचइसी के साथ कल भारी उद्योग मंत्रालय महेंद्र नाथ पांडे ने बैठक की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें किसी तरह का आर्थिक सहयोग नहीं मिलेगा. छह घंटे तक चली इस बैठक में किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकला
रांची : एचइसी को भारी उद्योग मंत्रालय से कोई सहायता नहीं मिलेगी. मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि एचइसी को किसी तरह का आर्थिक सहयोग नहीं मिलेगा और न ही जमीन गिरवी रखने या जमीन को दीर्घकालीन लीज पर देने की अनुमति दी जायेगी. एचइसी के निदेशकों को कर्मियों के वेतन मद और अन्य खर्चों की व्यवस्था खुद करने को कह दिया गया है. देश के भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने दिल्ली में गुरुवार को एचइसी प्रबंधन के साथ हुई बैठक में ये बातें स्पष्ट कर दी.
बैठक में भारी उद्योग सचिव अरुण गोयल, एचइसी के सीएमडी नलिन सिंघल, निदेशक वित्त ए पांडा, निदेशक कार्मिक एमके सक्सेना, निदेशक उत्पादन सह विपणन डॉ राणा एस चक्रवर्ती बैठक में उपस्थित थे. बैठक में एचइसी प्रबंधन की ओर से देनदारी, मशीनों के जीर्णोद्धार व कच्चे माल की खरीदारी के लिए 875 करोड़ रुपये की मदद मांगी गयी.
इसे अस्वीकार कर दिया गया. बैठक में भारी उद्योग मंत्री ने कहा कि एचइसी के लिए जरूरी है कि हड़ताल को खत्म करायें. एचइसी कर्मियों को इस संबंध में समझायें. कर्मियों की हड़ताल न तो उनके हित में है और न ही कंपनी के हित में. ऐसे ही हड़ताल जारी रही, तो कंपनी बंदी के कगार पर पहुंच जायेगी.
बैठक में एचइसी के निदेशकों ने बताया कि कर्मी बकाया वेतन को लेकर हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे हड़ताल पर ही रहेंगे. इस पर कहा गया कि प्रबंधन भविष्य के लिए मास्टर प्लान बनाये, उसी के तहत काम करे. बैठक में सीएमडी व निदेशक ने मंत्रालय से बैंक गारंटी बढ़ाने या फिर जमीन मॉर्गेज रख आर्थिक संकट दूर करने का प्रस्ताव दिया. इस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया. मंत्री ने तीनों निदेशकों से एचइसी के श्रमिक संगठनों और कर्मचारियों से बातचीत करने और बैठक में दिए गए निर्देश से अवगत कराने को कहा.
12 बजे से शाम छह बजे तक हुई बैठक :
छह घंटे तक चली बैठक में कोई समाधान नहीं निकला. एचइसी को मंत्रालय से कोई मदद नहीं मिलने से एचइसी के सभी श्रमिक संगठन व कर्मियों की उम्मीद टूट गयी है. उनका मानना था कि इस बैठक से एचइसी को मंत्रालय से आर्थिक सहयोग मिलेगा और उत्पादन कार्य शुरू हो जायेगा.
छह घंटे तक चली बैठक में समाधान नहीं निकला
प्रबंधन ने 875 करोड़ रुपये की मांगी मदद, किया गया अस्वीकार
बैंक गारंटी बढ़ाने या जमीन मॉर्गेज रखने का प्रस्ताव भी खारिज
आज मंत्री से मिलेंगे यूनियन के पदाधिकारी
एचइसी के मसले पर शुक्रवार को दिल्ली में भारी उद्योग मंत्री के संग हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन की वार्ता होगी. पहले गुरुवार को वार्ता होनी थी. रांची के सांसद संजय सेठ भी एचइसी के तीनों निदेशकों के साथ दिल्ली में बैठक करेंगे.
Posted by : Sameer Oraon