इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहा HEC, उत्पादन घटा, 213 करोड़ हुई देनदारी, सिर्फ इतने का मिला कार्यादेश
इस वर्ष एचइसी का उत्पादन महज 60.50 करोड़ रुपये का व घाटा 230.85 करोड़ का हुआ. जबकि वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ व घाटा 256.07 करोड़ रुपये का हुआ था
रांची : वित्तीय वर्ष 2022-23 में एचइसी के उत्पादन में काफी कमी आयी है. वहीं, विभिन्न मदों में देनदारी 213.31 करोड़ रुपये हो गयी है. एचइसी प्रबंधन की वार्षिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है. सीपीएफ लोन और इंटरेस्ट के रूप में 6480.73 लाख, वॉलेंटरी पीएफ मद में 4616.12 लाख, एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 1593.71 लाख, एंप्लॉय कंट्रीब्यूशन टू पीएफ में 2277.91 लाख, वाटर चार्ज में 5962.28 लाख, नगरपालिका कर में 173.47 लाख, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में चार लाख, जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स में 215.67 लाख व प्रोफेशनल टैक्स मद में 7.36 लाख बकाया है.
इसके अलावा वेंडरों का करोड़ों रुपये बकाया है. वहीं, इस वर्ष एचइसी का उत्पादन महज 60.50 करोड़ रुपये का व घाटा 230.85 करोड़ का हुआ. वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्पादन 203.84 करोड़ व घाटा 256.07 करोड़, वर्ष 2020-21 में उत्पादन 252.43 करोड़ व घाटा 175.78 करोड़, वर्ष 2019-20 में उत्पादन 158.29 करोड़ व घाटा 405.37 करोड़, वर्ष 2018-19 में उत्पादन 340.22 करोड़ व घाटा 93.67 करोड़ रुपये का हुआ था.
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एचइसी को सिर्फ 141 करोड़ का मिला कार्यादेश
एचइसी को वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभिन्न कंपनियों से सिर्फ 141 करोड़ रुपये का कार्यादेश मिला. इसमें ईओटी क्रेन के लिए डिस्क ब्रेक, ड्रैगलाइन स्पेयर पार्ट्स, क्रशर स्पेयर पार्ट्स व 450 टन क्रेन के पार्ट्स के अलावा अन्य कंपनी से स्पेयर पार्ट्स का कार्यादेश मिला. एचइसी के पास कुल 1355 करोड़ रुपये का कार्यादेश है.