HEC अब तक की सबसे खराब स्थिति में, चालू वर्ष में 60-70 करोड़ का उत्पादन ही संभव, 2014 से चल रही घाटे में
एचइसी के तीनों प्लांट- एचएमबीपी, एफएफपी और एचएमटी में कई शॉप बंद पड़े हैं. कार्यादेश देनेवाली कंपनियों ने कई बार एचइसी को पत्राचार कर कार्यादेश समय पर पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है
गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे एचइसी में उत्पादन लगातार कम होता जा रहा है. स्थिति यह हो गयी है कि कंपनी अपने स्थापना काल से लेकर वित्तीय वर्ष 2021-22 तक सबसे खराब स्थिति में है. एचइसी के अधिकारी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में महज 60 से 70 करोड़ रुपये का ही उत्पादन होने की संभावना है. इसका मुख्य कारण कच्चे माल की घोर कमी है.
फिलहाल, एचइसी के तीनों प्लांट- एचएमबीपी, एफएफपी और एचएमटी में कई शॉप बंद पड़े हैं. कार्यादेश देनेवाली कंपनियों ने कई बार एचइसी को पत्राचार कर कार्यादेश समय पर पूरा करने का अल्टीमेटम भी दिया है. अधिकारियों को पिछले 14 माह का और कर्मियों को 13 माह का वेतन बकाया है. वेतन की मांग को लेकर अधिकारी दिसंबर से ही आंदोलनरत हैं.
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घाटा ही होता रहा
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2014-15 में 241.68 करोड़ का घाटा
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2015-16 में 144.77 करोड़ का घाटा
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2016-17 में 82.27 करोड़ का घाटा
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2017-18 में 446 करोड़ लाभ (राज्य सरकार को जमीन देने के कारण)
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2018-19 में 93 करोड़ का घाटा
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2019-20 में 405.37 करोड़ का घाटा