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वित्तीय स्थिति खराब होने के बाद भी HEC की चंद्रयान-3 और गगनयान की लॉन्चिंग में होगी बड़ी भूमिका

एचइसी के अधिकारी ने बताया कि वित्तीय स्थिति खराब होने के बाद भी देश हित में इसरो से मिले कार्यादेश को प्राथमिकता के आधार पर गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा रहा है.

By Sameer Oraon | December 12, 2022 10:18 AM

चंद्रयान-3 व गगनयान की लॉन्चिंग में एचइसी की अहम भूमिका होगी. इसरो ने एचइसी को कई अहम कार्यादेश दिया था. इसमें कई उपकरणों का डिस्पैच किया गया है. वहीं, कई उपकरणों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. एचइसी के अधिकारी ने बताया कि वित्तीय स्थिति खराब होने के बाद भी देश हित में इसरो से मिले कार्यादेश को प्राथमिकता के आधार पर गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा रहा है.

एचइसी ने दूसरी लांच पैड की बुनियादी ढांचे की आपूर्ति की है. वहीं 400/60 टन, 200/30 टन इओटी क्रेन, 10 टन टावर क्रेन, फोल्डिंग-कम-वर्टिकली रिपोजिशनेबल प्लेटफॉर्म, स्लाइडिंग दरवाजे, मोबाइल लांचिंग पेडस्टल वजन लगभग 810 टन, 6-एक्सिस सीएनसी डबल कॉलम वर्टिकल टर्निंग और बोरिंग मशीन, 3-एक्सिस सीएनसी सिंगल कॉलम वर्टिकल टर्निंग एंड बोरिंग मशीन की आपूर्ति की गयी है.

वर्तमान में कई उपकरणों का निर्माण हो रहा है. इसमें हॉरिजेंटल स्लाइडिंग डोर का निर्माण पूरा हो गया है और कमीशनिंग अंतिम चरण में है. व्हील बोगी असेंबली का कार्य पूरा हो गया है, सिर्फ डिस्पैच होना है. फोल्डिंग प्लेटफॉर्म का निर्माण पूरा हो गया है और कमीशनिंग अंतिम चरण में है. अधिकारी ने बताया रॉकेट की असेंबलिंग एचइसी में बने फोल्डिंग कम वर्टिकली रिपोजिशनेबल प्लेटफॉर्म से लैस रॉकेट असेंबली बिल्डिंग में की जाती है, जिसमें सैटेलाइट लांच करने के लिए 63 मीटर तक के रॉकेटों की छह स्टेज असेंबली की सुविधा होती है.

रॉकेट को एचइसी निर्मित मोबाइल लांचिंग पेडस्टल द्वारा लांचिंग स्टेशन तक पहुंचाया जाता है, जो एक विशाल संरचना है. इसका वजन 800 टन से अधिक है. अधिकारी ने बताया कि एचइसी से श्रीहरिकोटा, चेन्नई तक एमएलपी का परिवहन एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया. वहीं रॉकेट हिले नहीं, इसके लिए 80 मीटर की ऊंचाई पर एचइसी द्वारा निर्मित क्रेन लगाया गया है. इस क्रेन में जबरदस्त हवा के दबाव को झेलने की क्षमता है.

श्रीहरिकोटा में इसरो सुविधाओं की मजबूत संरचनाओं के डिजाइन, इंजीनियरिंग और निर्माण के लिए एचइसी की क्षमता को देखते हुए इसरो ने व्हील बोगी असेंबली को स्वदेशी रूप से विकसित करने का काम सौंपा. इसरो की पूरी संतुष्टि के बाद इसकी आपूर्ति की गयी.

एचइसी में आज से हल्ला बोल कार्यक्रम

एचइसी लिमिटेड श्रमिक कर्मचारी यूनियन की बैठक रविवार को यूनियन कार्यालय में संजय सिन्हा की अध्यक्षता में हुई. इसमें एचइसी की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि मजदूरों को एक सूत्र में बांध कर आगे का आंदोलन किया जायेगा. सोमवार से सभी यूनियन के सदस्य अलग-अलग प्लांटों में हल्ला बोल कार्यक्रम शुरू करेंगे. मजदूर चाहे किसी यूनियन के सदस्य हों, सभी मजदूर को एक मंच पर लाकर प्रबंधन का विरोध किया जायेगा. बैठक में अध्यक्ष प्रकाश कुमार व महामंत्री कृष्ण मोहन सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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