Ranchi News: HEC की स्थापना 7199.51 एकड़ जमीन पर हुई थी. जिसमें फैक्ट्री 729.27 एकड़ में फैली है. आवासीय कॉलोनी का निर्माण 772.96 एकड़ जमीन पर किया गया. वहीं ड्रेनेज और सड़क का निर्माण 166.92 एकड़ में किया गया. एचईसी की स्थापना के बाद देश का सर्वश्रेष्ठ आवासीय परिसर स्थापित किया गया. परिसर में अधिकारियों और कर्मियों के लिए 1,1109 आवास बनाये गये. जिसमें भूमिगत बिजली और पाइप के निर्माण के साथ-साथ कर्मचारियों के आवासों में बच्चों के खेलकूद को लेकर विशेष ध्यान रखा गया.
12 आवासों के बीच में खेल का मैदान बनाया गया. लोगों को शुद्ध पानी मिले, इसके लिए डैम का निर्माण किया गया. सड़कें चौड़ी-चौड़ी बनायी गयी थीं, साथ ही फुटपाथ भी बनाया गया था. सड़कों के बीच में लाइट की व्यवस्था आवासीय परिसर की खूबसूरती में चार चांद लगाती थी. सड़कों की दोनों ओर पौधे लगाये गये थे, जो पैदल चलने वालों को गरमी में भी राहत देते थे. सड़कों के किनारे बीच-बीच में यात्री शेड का निर्माण किया गया था, जहां बैठने की व्यवस्था की गयी थी. एचईसी परिसर के प्रवेश और निकासी द्वार पर सीआइएसएफ जवानों की तैनाती की गयी थी, जो बड़े वाहनों के आने-जाने पर जांच करते थे. वहीं आवासों का निर्माण इस तरह से किया गया था कि हर मौसम में रहनेवाले लोगों के लिए आरामदायक था. एचईसी आवासीय परिसर में 1038 दुकानों का निर्माण किया गया. वहीं 107 प्लॉट में दुकान निर्माण करने के लिए लोगों को दिये गये. एचईसी परिसर में एसबीआइ, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पोस्टऑफिस व हॉस्टल का निर्माण किया गया.
आवासीय परिसर में खेल के लिए जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का निर्माण किया गया, जो उस समय देश के बड़े खेल मैदान में एक था. फलस्वरूप देश के राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के अलावा सेना में भर्ती के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा. देश की उड़न परी के नाम से विख्यात पीटी उषा जैसी अन्य नामचीन खिलाड़ियों ने इस स्टेडियम में अपने कौशल को प्रदर्शित किया. वहीं जैसे-जैसे एचईसी की स्थिति खराब होती गयी, प्रबंधन ने सौंदर्यीकरण पर ध्यान देना बंद कर दिया.
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प्रबंधन ने झारखंड सरकार को 1148 क्वार्टर बेच दिये और 6784 आवास को दीर्घकालीन लीज पर दे दिया. वर्तमान में एचइसी के पास 3177 आवास हैं. जिनकी स्थिति भी मरम्मत के अभाव में जर्जर होती जा रही है. वहीं 124 आवासों पर अवैध कब्जा है. मरम्मत के अभाव में और अवैध निर्माण के कारण सिवरेज-ड्रेनेज का पाइप जाम रहता है. एचईसी में लोगों द्वारा धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन वह उदासीन बना हुआ है.