एचइसी के स्थायी कर्मियों ने किया टूल डाउन स्ट्राइक, अधिकारियों ने निदेशकों को घेरा
एचइसी में वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
रांची. एचइसी में वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. सोमवार को एचइसी के अधिकारियों, स्थायी कर्मियों और सप्लाई कर्मियों ने अलग-अलग आंदोलन कर अपना विरोध जताया. स्थायी कर्मियों ने जहां तीनों प्लांट के अंदर टूल डाउन स्ट्राइक शुरू किया, वहीं अधिकारियों ने सुबह 10.00 बजे से एचइसी गेस्ट हाउस के समक्ष निदेशक कार्मिक और निदेशक उत्पादन का घेराव किया. इधर, सप्लाई कर्मियों ने प्लांट के अंदर प्रवेश करने देने की मांग को लेकर मुख्यालय और तीनों प्लांट की एडमिन बिल्डिंग के समक्ष प्रदर्शन किया.
अराजकता के लिए निदेशक जिम्मेदार
इधर, हटिया कामगार यूनियन के उपाध्यक्ष सह एचइसी बचाओ जन संघर्ष समिति के लालदेव सिंह ने कहा कि एचइसी में अराजकता की स्थिति के लिए निदेशक जिम्मेदार हैं. एचइसी कर्मियों का वेतन बकाया लगभग दो साल का हो गया है. जिस कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. यहां तक कि अब वेतन पर्चा भी मिलना बंद हो गया है. लोगों को आयकर रिटर्न भरने के लिए फार्म-16 भी नहीं दिया जा रहा है. पैसे के अभाव में कर्मियों के बच्चों का नाम स्कूल से काटा जा रहा है.
सड़क पर आ गये हैं सप्लाई कर्मी
श्री सिंह ने कहा कि सप्लाई कर्मियों को सड़क पर खड़ा कर दिया गया है. प्रबंधन सितंबर 2023 से ही सप्लाई कर्मियों को काम पर रखने का महज आश्वासन दे रहा है. वहीं कारखाने में कर्मचारियों को आठ घंटे जेल की तरह रखा जा रहा है. वहां न तो कैंटीन की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की. शौचालय तक में पानी की व्यवस्था नहीं है. इसके बाद भी स्थायी कर्मी तीनों प्लांट में काम करने जा रहे हैं. लेकिन प्रबंधन काम की व्यवस्था नहीं कर रहा है. इसलिए भेल से आये निदेशक कार्मिक व उत्पादन को एचइसी से चले जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि टूल डाउन स्ट्राइक सोमवार को पूरी तरह सफल रही. उन्होंने सांसद संजय सेठ से मांग की कि एचइसी कर्मियों की मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाये.
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