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पूंजी के अभाव में HEC के तीनों फर्नेस बंद, मशीनों को लग रही जंग

करोड़ रुपये फिर से कार्य शुरू करने के लिए खर्च करने होंगे. एचइसी के एफएफपी में तीन फर्नेस हैं, जो अब बंद पड़े हैं. फर्नेस को चालू करने के लिए चार से पांच करोड़ रुपये खर्च करना पड़ेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2023 9:46 AM

कार्यशील पूंजी के अभाव में एचईसी और यहां के कर्मियों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. स्थिति यह है कि प्लांट में अधिकारी और कर्मचारी प्रतिदिन जाते हैं और उपस्थिति दर्ज कर वापस घर चले आते हैं. अधिकारी बताते हैं कि तीन माह से कार्य ठप पड़ा है. इसरो, माइनिंग और सेल के कई वर्कआर्डर (कार्यादेश) आधा-अधूरा बनकर पड़े हुए हैं. कंपनियों की ओर से बार-बार पत्र लिख कर कार्यादेश पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में पुरानी मशीनों में कार्य नहीं होने से अब जंग लगने लगी है. अगर एचईसी को कहीं से फंड मिल भी जाता है, तो 40 से 50 करोड़ रुपये फिर से कार्य शुरू करने के लिए खर्च करने होंगे. एचइसी के एफएफपी में तीन फर्नेस हैं, जो अब बंद पड़े हैं. फर्नेस को चालू करने के लिए चार से पांच करोड़ रुपये खर्च करना पड़ेगा.

केंद्र सरकार एचईसी को लेकर गंभीर नहीं

इधर, हटिया कामगार यूनियन के लालदेव सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एचइसी को लेकर गंभीर नहीं है. भारी उद्योग मंत्रालय ने भेल के जीएम को एचइसी का निदेशक बना दिया है, जो एचइसी महीने में दो-तीन बार आते हैं और चले जाते हैं. उन्हें वेतन भी भेल से मिलता है. जब तक एचइसी को स्थायी सीएमडी व निदेशक नहीं मिलेगा एचईसी की स्थिति खराब ही रहेगी.

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