पिछले दिनों राज्यसभा सांसद परिमल नथवानी के प्रश्न के जवाब में भारी उद्योग राज्यमंत्री ने राज्यसभा में जवाब दिया है कि चंद्रयान-3 का लांचिंग पैड एचइसी ने नहीं बनाया है. एचईसी ने इंफ्रास्ट्रक्चर आइटम जिसमें मोबाइल लांचिंग पैड, हैमर हेड टावर, 400-60 ईओटी क्रेन, फोल्डिंग कम वर्टिकल रिस्पॉसिविलिटी प्लेटफार्म और होरिजेंटल स्लाइडिंग डोर शामिल है कि आपूर्ति इसरो के लिए की है. कर्मचारियों के वेतन भुगतान के संबंध में कहा कि वेतन कर्मचारियों को कमाकर लेना पड़ेगा, सरकार इसके लिए पैसे नहीं देगी.
भारी उद्योग राज्यमंत्री ने सांसद परिमल को जानकारी दी है कि एचइसी पिछले पांच वित्तीय वर्ष से घाटे में चल रहा है. वर्ष 2018-19 में 93.67 करोड़ घाटा, 2019-20 में 405.37 करोड़ घाटा, 2020-21 में 175.78 करोड़ का घाटा, वर्ष 2021-22 में 256.07 करोड़ का घाटा व वर्ष 2022-23 में 283.58 करोड़ का घाटा हुआ है. यह भी बताया गया है कि एचइसी का कैपिसिटी यूटिलाइजेशन हर वर्ष घटता जा रहा है. वर्ष 2018-19 में 16%, 2019-20 में 12.22%, वर्ष 2020-21 में 12.52%, वर्ष 2021-22 में 3.75% व वर्ष 2022-23 में 1.39% ही रह गया है.
कामगार यूनियन आंदोलन की तैयारी में
हटिया कामगार यूनियन (एटक) के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा कि अब कर्मी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि जब काम करने के लिए एचइसी के पास कार्यशील पूंजी ही नहीं हैं, तो इतनी आय कैसे होगी कि कर्मचारी काम कर अपना वेतन ले सकें. भारी उद्योग मंत्री कह रहे हैं कि एचइसी को चलाने के लिए कार्य योजना पर काम चल रहा है. एचइसी को बचाने के लिए आंदोलन ही अब एकमात्र रास्ता है. इसलिए 14 अगस्त को दोपहर 3.00 बजे से हटिया कामगार यूनियन के कार्यालय में बैठक होगी. इसमें फैसला लिया जायेगा.
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