रांची : डीएलएसए के सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि सभी असहाय बच्चों को परिवार के बीच पालन-पोषण का अधिकार है. इसी को लेकर फॉस्टर केयर एंड स्पांसरशिप स्कीम की शुरुआत की गयी है. इसके तहत गरीब, असहाय व निराश्रित बच्चों के पालन-पोषण के लिए फाॅस्टर फैमिली का चयन कर सर्वे के बाद बच्चों को उनके सुपुर्द किया जाता है, ताकि उनकी देखभाल अन्य बच्चों की तरह हो सके.
श्री कुमार मंगलवार को कैंब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी व कैंब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में गाइडलाइंस ऑन फॉस्टर केयर एंड स्पांसरशिप विषय पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे. किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य भावना कुमार ने फॉस्टर फैमिली बनने के लिए अभिभावक की योग्यता, प्रति बच्चे के हिसाब से सरकार से मिलनेवाली राशि आदि की जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि छह माह से लेकर 18 वर्ष तक की आयुवाले बच्चे फॉस्टर फैमिली में पलने के योग्य हैं. इसके एवज में सरकार प्रति बच्चा दो हजार रुपये का भुगतान करती है. बच्चों को फॉस्टर फैमिली को सौंपने से पूर्व बाल कल्याण समिति द्वारा परिवार की उचित छानबीन की जाती है तथा प्रत्येक माह समिति इसकी समीक्षा करती है.
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्रीकांत कुमार ने बेविनार में फॉस्टर केयर एंड स्पांसरशिप से जुड़े कानूनी पहलुओं की जानकारी दी. कार्यक्रम का संचालन प्रो साइका फैजी ने व धन्यवाद ज्ञापन डॉ शालिनी सिंह ने किया.
Post by : Pritish Sahay