Hemant Soren Govt@3 Years: हेमंत सरकार ने पूरे किये तीन साल, राज्य की जनता को मिलेगी 1200 करोड़ की सौगात
29 दिसंबर, 2022 को झारखंड की हेमंत सरकार अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा रही है. इसको लेकर प्रोजेक्ट भवन में राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे. इस मौके पर राज्यवासियों को 1200 करोड़ रुपये की सौगात देंगे. वहीं,कई योजनाओं को शुभारंभ भी करेंगे.
Hemant Soren Govt@3 Years: झारखंड की हेमंत सरकार 29 दिसंबर, 2022 को अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा कर रही है. इसको लेकर गुरुवार को रांची के प्रोजेक्ट भवन में एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित होगा. इस कार्यक्रम जहां राज्य के 10 लाख किसान परिवारों को मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत राशि का लाभ दिया जाएगा, वहीं, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत स्कूलों में अध्ययनरत 25 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि का लाभ तथा सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जुड़े 5 लाख 60 हजार बच्चियों को सहायता राशि का लाभ डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाया जाएगा. इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन राज्य की जनता को 1200 करोड़ की सौगात देंगे.
कई मॉडल स्कूलों समेत इन योजनाओं का होगा शुभारंभ
इस मौके पर कई माॅडल स्कूल भवनों का उद्घाटन होगा. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग का ‘प्रगति पोर्टल’ भी लॉन्च होगा. वहीं, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के ‘स्पोर्ट्स इंटीग्रेटेड पोर्टल’ का शुभारंभ भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. इस पोर्टल के शुरू होने से राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ी एवं प्रशिक्षकों को राज्य सरकार की खेल नीति का पूरा लाभ मिल सकेगा. वहीं, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग अंतर्गत कई मॉडल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का भी मुख्यमंत्री उद्घाटन करेंगे.
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10 लाख किसानों के खाते में ट्रांसफर होंगे 3500 रुपये
मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना के तहत 461 करोड़ रुपये का आवंटन हो चुका है और 29 दिसंबर तक करीब 10 लाख किसानों के खाते में 3500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. इसके लिए 5.75 लाख किसान परिवार का डाटा डीसी स्तर से अप्रूव हो चुका है. बता दें कि राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंड को सूखा क्षेत्र घोषित किया गया. इसके लिए केंद्र सरकार से 9000 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. बताया गया कि हर प्रखंड के 10 गांवों का स्थल निरीक्षण किया गया. साथ ही पांच गांवों की जियो ट्रैगिंग भी की गयी. उसके बाद इन क्षेत्रों को सुखाड़ घोषित करने की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजी गई.