Hemant Soren Gift : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना के तहत करीब चार हजार ट्रैक्टर बांटेगा. इसका राज्यादेश विभाग ने निकाल दिया है. लाभुकों को 80 फीसदी अनुदान दिया जायेगा. विभाग 2450 बड़ा ट्रैक्टर तथा 1550 छोटा ट्रैक्टर बांटेगा. इसके साथ ही एक हजार कृषि उपकरण भी बांटे जायेंगे. इसका लाभ निजी किसानों के साथ कृषक समूहों को मिलेगा. कई वर्षों बाद राज्य सरकार किसानों के बीच अनुदान पर ट्रैक्टर का वितरण कर रही है. इस पर राज्य सरकार 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
34 से 40 हॉर्स पावर का होगा ट्रैक्टर
राज्य सरकार किसानों को 34 से 40 हॉर्स पावर तक का ट्रैक्टर बांटेगी. इसके साथ दो कृषि यंत्र भी दिये जायेंगे. कुल पैकेज 10 लाख रुपये का होगा. बड़े टैक्टर पर अधिकतम 50 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. दो कृषि यंत्रों पर 80 फीसदी अनुदान दिये जायेंगे. इस पर अधिकतम पांच लाख रुपये तक का अनुदान राज्य सरकार देगी. वैसे कृषक समूह जिनके पास पूर्व से बड़ा ट्रैक्टर है और वह सिर्फ सहायक कृषि यंत्र लेना चाहते हैं, तो उनको भी एक से अधिक बड़े ट्रैक्टर के कृषि यंत्र पर 80 फीसदी अनुदान मिलेगा. इसमें अधिकतम अनुदान दो लाख रुपये तक मिलेगा.
राज्य सरकार ने कौन से निर्देश दिए ?
कृषि विभाग ने राज्यादेश में वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले ही ट्रैक्टर का पैसा निकालकर पीएल खाते में डालने का आदेश दिया है. पैसा झारखंड एग्रीकल्चर मशीनरी टूल्स ट्रेनिंग सेंटर (जेएएमटीटीसी) के खाता में देना है. राज्यादेश में ही भूमि संरक्षण निदेशक को इससे संबंधित आदेश दे दिया गया है. ट्रैक्टर वितरण और व्ययन का काम जेएएमएटीटीसी को ही करना है. जेएएमटीटीसी कृषि विभाग के भूमि संरक्षण निदेशालय के अधीन का एक टेस्टिंग सेंटर है. यहां कृषि उपकरणों का टेस्ट कर लाइसेंस दिया जाता है.
ट्रैक्टर में रहेगी जीपीएस की सुविधा
विभाग ने तय किया है कि सभी ट्रैक्टरों में जीपीएस की सुविधा रहेगी. इससे इसका ऑनलाइन अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जायेगा. जीपीएस के माध्यम से ट्रैक्टर की भौगोलिक स्थिति, दूरी चालन, खेती का क्षेत्रफल का विवरण भी प्राप्त होगा. अगले तीन वर्षों तक जेएएमटीटीसी इसका अनुश्रवण और मूल्यांकन करेगी.
10 एकड़ से अधिक भूमिवाले को मिलेगी प्राथमिकता
विभाग ने तय किया है कि ट्रैक्टर और सहायक कृषि यंत्र वैसे लाभुक या समूहों को दिया जायेगा, जिनके पास कम से कम 10 एकड़ भूमि हो. वैसे समूहों को प्राथमिकता दी जायेगी, जिनके किसी सदस्य के पास ट्रैक्टर या एलएमवी का लाइसेंस हो. इस योजना का अनुश्रवण पंचायती राज्य स्तर के पदाधिकारी करेंगे.
Also Read: PM Modi Gift: संताल परगना को PM मोदी की सौगात, अब देवघर और दुमका से हावड़ा जाना होगा आसान