पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत पर बहस पूरी, अब फैसला 10 मई को
हेमंत सोरेन की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील कपिल सिब्बल ने की, तो केंद्रीय जांच एजेंसी की पैरवी जोएब हुसैन कर रहे थे. ईडी के वकील पूर्व सीएम की जमानत का विरोध कर रहे थे.
रांची : बड़गाई अंचल से जुड़े 8.5 एकड़ जमीन मामले में आरोपी हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर शनिवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया. सुरक्षित आदेश पर 10 मई को अदालत फैसला सुनायेगा. इससे पहले 30 अप्रैल को हेमंत सोरेन की जमानत पर दोनों पक्षों की ओर से लगभग एक घंटे से ज्यादा समय तक बहस चली थी.
जवाब दाखिल करने के लिए 4 मई तक का दिया गया था समय
इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से हेमंत सोरेन को जमानत देने के लिए दलीलें पेश की गयी. जबकि इडी की ओर से उनकी दलीलों का विरोध किया गया था. इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों को 4 मई तक अपना लिखित जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. बता दें कि इस दौरान हेमंत सोरेन की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील कपिल सिब्बल ने की, तो केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की पैरवी जोएब हुसैन कर रहे थे. सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने तब अपने मुवक्किल का पक्ष रखते हुए कहा था कि ईडी के पास हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने का कोई आधार नहीं है. जबकि ईडी के वकील जोएब हुसैन ने पुरजोर विरोध किया था.
15 अप्रैल को हेमंत सोरेन के वकील ने दायर की थी जमानत याचिका
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन की ओर से उनके अधिवक्ता ने 15 अप्रैल को जमानत याचिका कोर्ट में दाखिल की थी. इस मामले में हेमंत सोरेन के अलावा बड़गाईं अंचल के हल्का कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद, अफसर अली, अंतु तिर्की, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह, सद्दाम और इरशाद आरोपी हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी की रात मुख्यमंत्री आवास में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. तब से वे जेल में बंद हैं. पूर्व सीएम से जुड़े मामले में ईडी कुछ माह पहले आरोप पत्र पर भी दायर किया है.
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