आनंद मोहन, रांची : हेमंत सोरेन की जेल की बंदिशें खत्म हो गयीं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष शुक्रवार को पांच महीने जेल में काटने के बाद बाहर हैं. 31 जनवरी को श्री सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति बड़े बदलाव हुए. झामुमो ने चंपाई सोरेेन को मुख्यमंत्री बनाया, वहीं लोकसभा चुनाव में श्री सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को चेहरा बनाया. कल्पना सोरेन ने बखूबी अपनी भूमिका निभायी. साथ ही गांडेय विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव में झामुमो को दो सीटों की बढ़त मिली और कल्पना सोरेन ने राजनीति में अपनी धाक दिखायी. अब हेमंत सोरेन जेल से बाहर हैं.
हेमंत सोरेन के बाहर निकलने के बाद झामुमो रिचार्ज हुआ है, वहीं इंडिया गठबंधन को ताकत मिली है. 28 जून का दिन झामुमो को लिए राजनीतिक सुकून और खुशियां भरा रहा. झारखंड की राजनीति अब नयी राह पकड़ेगी. हेमंत सोरेन चुनावी मैदान में इंडिया गठबंधन की धुरी होंगे. वह विधानसभा चुनाव में नेतृत्व करेंगे. जेल से बाहर निकलने के बाद उनके लिए अभियान चलाना सहज हो गया है. हेमंत सोरेन के बाहर निकलते ही चंपाई सोरेन सरकार को लेकर अटकलें लग रही हैं. झामुमो अंदरखाने की मानें, तो विधानसभा चुनाव में समय कम है. तीन से चार महीने के लिए शायद ही सरकार का चेहरा बदला जाये. यह मानकर चला जा रहा है कि चंपाई सोरेन फिलहाल सुरक्षित हैं.
सरकार की मॉनिरटरिंग करेंगे, बढ़ेगा दखल
हेमंत साेरेन के जेल से निकलने के बाद सरकार के कामकाज में उनकी दखल बढ़ेगी. जेल में रहते हुए जो परेशानियां थी, वह अब नहीं रहेंगीं. चंपाई सोरेन सरकार की सीधे मॉनिटरिंग करेंगे. भले ही मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ना दिखें, लेकिन वह पावर सेंटर रहेंगे. सरकार के अहम फैसले में अब उनकी सीधी भागीदारी रहेगी.
गठबंधन के संवाद में हुई आसानी, जल्द तैयार होगा खाका
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाहर निकलने के बाद झारखंड में इंडिया गठबंधन के अंदर भी सहूलियत बढ़ेगी. अब हेमंत कांग्रेस के नेताओं से सीधा संवाद करेंगे. विधानसभा चुनाव को लेकर खाका जल्द तैयार होगा. रांची हो या फिर दिल्ली बातचीत में आसानी होगी. विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस आलाकमान को भी परेशानी नहीं रही.
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