Ranchi Land Scam: हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 12 जून को
हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने जमीन घोटाला मामले में उनकी याचिका पर सुनवाई की. अब 12 जून को अगली सुनवाई होगी.
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Ranchi Land Scam: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सोमवार (10 जून) को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने इस मामले में सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की ओर से अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि बड़गाईं की 8.86 एकड़ जमीन भुईहरी है. इसका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है. मालिकाना हक भी इनके नाम पर नहीं है. दस्तावेज में इनका नाम भी नहीं है. ये दीवानी मामला है. ईडी के पास भी इसका सबूत नहीं है. उनकी ओर से बहस पूरी कर ली गयी. अब ईडी की ओर से पक्ष रखा जाएगा. सवा दो घंटे सुनवाई हुई. 12 जून को अगली सुनवाई होगी.
हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने राजधानी रांची के बड़गाईं अंचल में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में जमानत के लिए याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली, तो 28 मई को हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया और जमानत की मांग की है.
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में हुई सुनवाई
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने उनकी याचिका पर सुनवाई की. हेमंत सोरेन के वकील की दलील सुनने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे. ईडी से कहा गया था कि वह 10 जून से पहले अपना जवाब दाखिल करे. इसके साथ ही जस्टिस मुखोपाध्याय ने सुनवाई की अगली तारीख 10 जून तय की थी.
31 जनवरी को हेमंत सोरेन को ईडी ने किया था गिरफ्तार
बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल में कथित जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लाउंडरिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले उनसे लंबी पूछताछ हुई थी. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के पहले उनके दिल्ली स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.
हेमंत सोरेन के वकील ने कोर्ट में दी है ये दलील
हेमंत सोरेन के वकील ने पिछली सुनवाई में दलील दी थी कि ईडी ने उन्हें जिस आरोप में गिरफ्तार किया है, वह निराधार है. उन्होंने किसी जमीन पर कब्जा नहीं किया है. उन पर आरोप लगाया गया है कि बड़गाईं की 8.86 एकड़ जमीन पर उन्होंने कब्जा किया है. यह जमीन भुईंहरी प्रकृति की है, जिसे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. इस जमीन का मालिकाना हक भी उनके पास नहीं है. न ही कोई दस्तावेज है, जो यह साबित करे कि यह जमीन उनके नाम पर है.
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