तोरपा : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की है कि वर्ष 2027 तक 20 लाख लोगों को अबुआ आवास मिल जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए 30 लाख आवेदन आये थे. स्क्रूटनी के बाद 20 लाख सही पाये गये. इन सबको आवास दिया जायेगा. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने उक्त बातें खूंटी के तोरपा स्थित एनएचपीसी ग्राउंड में अबुआ आवास योजना के तहत आयोजित स्वीकृति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने इस मौके पर अबुआ आवास के लाभुकों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया. लाभुकों के बीच आवास निर्माण के प्रथम किस्त की राशि भी ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि झारखंड सरकार अबुआ आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपये दे रही है. उन्होंने कहा कि खूंटी और सिमडेगा के लाभुक अब अबुआ आवास निर्माण की दिशा में आगे बढ़े. खूंटी और सिमडेगा में करीब 75 हजार अबुआ आवास का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब राज्य सरकार अपने दम पर राज्य के लोगों को अबुआ आवास दे रही है. खूंटी के लोगों के लिए अबुआ आवास योजना का शुभारंभ हो रहा है. कार्यक्रम को राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में सीएम के प्रधान सचिव विनय चौबे समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
50 वर्ष की उम्र में पेंशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में चली आ रही संख्या की बाध्यता को समाप्त कर सभी का पेंशन सुनिश्चित किया गया है. अब एसटी, एससी और सभी वर्ग की महिलाओं की पेंशन की उम्र सीमा को घटा कर 50 वर्ष किया जा रहा है. जल्द इसको लागू करने की दिशा में सरकार कार्य करेगी.
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सीएम ने कहा कि गुरुजी ने लड़कर झारखंड लिया है. झारखंड बने 23 साल हो गये पर हालात नहीं बदले. क्योंकि राज्य अलग होने के बाद ऐसी पार्टियों की सरकार बनी जो राज्य बनाने के घोर विरोधी थे. इस स्थिति में गरीब और गरीब होते चले गये. केंद्र सरकार ने गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल का दाम बढ़ा दिया. नमक भी महंगा हो गया है. गरीब की थाली से सब्जी व दाल गायब हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड की खनिज संपदा दिल्ली में दिखायी देती है, परंतु गरीब नहीं दिखता है. राज्य के खनिज संपदा से दुनिया जगमगाती है, पर यहां के लोग अंधकार में रहने को विवश हैं.
आने वाला समय राजनीतिक परीक्षा की घड़ी
सीएम ने कहा कि आनेवाला समय राजनीतिक परीक्षा की घड़ी है. चुनाव आनेवाला है. विपक्ष के लोग विकास के नाम पर कुछ नहीं बतायेंगे. ये राज्य सरकार ही बता सकती है.