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जब हेमंत सोरेन का जन्म हुआ, देश में लगा था आपातकाल, घर पर नहीं थे शिबू सोरेन

Hemant Soren News: हेमंत सोरेन का जब जन्म हुआ था, उस वक्त देश में इमरजेंसी लगी हुई थी. तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि हेमंत सोरेन कभी मुख्यमंत्री बनेंगे.

By Mithilesh Jha | July 5, 2024 9:29 AM
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Hemant Soren News|रांची, सुनील चौधरी : 10 अगस्त 1975 देश में आपातकाल लगा हुआ था. तब पूरा बिहार भी आपातकाल के खिलाफ खड़ा हो उठा था. तत्कालीन बिहार के ही हजारीबाग जिले के दूरस्थ एक गांव नेमरा में शिबू सोरेन के दूसरे पुत्र का जन्म हुआ. तब इस बालक के पिता शिबू और माता रूपी सोरेन को इसका भान तक नहीं होगा, यह नन्हा शिशु के नन्हें हाथ जब बड़े होंगे, तो सत्ता की बागडोर संभालेंगे.

आपातकाल के दिनों में छिपकर रहते थे दिशोम गुरु शिबू सोरेन

तब इसका भान नहीं था कि बिहार से झारखंड अलग राज्य बन भी सकता है. शिबू सोरेन महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन में अपनी पहचान बना चुके थे. कई बार उन्हें छिपकर रहना पड़ता था. जब हेमंत का जन्म हुआ, उस समय भी वह घर पर नहीं थे.

किशोरावस्था में हेमंत सोरेन को मिली थी मारुति 800 कार

हेमंत सोरेन के दोस्तों के अनुसार उन्हें मारुति 800 कार मिली थी. अक्सर सारे दोस्त इससे घूमा करते थे. एक बार पुलिस ने पकड़ लिया. तब हेमंत ने यह नहीं बताया कि वह शिबू सोरेन के बेटे हैं. पुलिस ने सबको डांट कर वहां से भगा दिया. हेमंत सोरेन काफी डरे हुए थे. उन्हें डर था कि घरवालों को इस घटना का पता न चल जाये.

हेमंत सोरेन ने पटना से की मैट्रिक की पढ़ाई

1989 में हेमंत सोरेन ने पटना के एमजी हाइ स्कूल में 10वीं कक्षा में दाखिला लिया. पटना से ही उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई की. इसके बाद बोकारो के दोस्तों का साथ भी छूटता गया. 1990 में उन्होंने बोर्ड की परीक्षा पास की. इसके बाद पटना विवि से आइएससी 1994 में किया. इसके बाद हेमंत ने बीआइटी मेसरा में इंजीनियरिंग में दाखिला लिया.

मेसरा के दिन से ही लीडरशिप क्वालिटी दिखती थी

मेसरा के उनके कई साथी बताते हैं कि हेमंत तब काफी मेच्योर थे. उनकी बातों में गंभीरता होती थी. पर दोस्तों के संग चुलबुले हो जाते थे. कॉलेज में भी उनकी लीडरशिप क्वालिटी दिखती थी. कोई भी माहौल हो वह सबको साथ लेकर चलने की बात करते थे. हॉस्टल में ही रहते थे.

कॉलेज के अनुशासन का करते थे पालन

बीआइटी मेसरा के अनुशासन का पालन करते थे. उन्होंने कभी जाहिर नहीं होने दिया कि झारखंड की मांग करनेवाले एक शक्तिशाली नेता शिबू सोरेन के वह पुत्र हैं. सादगी से ही रहते थे. हां छुट्टियों में हम जरूर किसी रेस्त्रां में जाते थे या फिल्म देखते थे.

सुजाता या उपहार में फिल्में देखने जाते थे हेमंत सोरेन

फिल्में सुजाता सिनेमा या उपहार सिनेमा (अब ग्लैक्सिया मॉल) में ही देखते थे. हेमंत को गाना सुनना पसंद था. जब भी लॉन्ग ड्राइव पर जाते तो गाना सुनना न भूलते थे. हेमंत को गाड़ियों का भी शौक है. गाड़ियों को मेंटेन रखना उनकी आदत में है. पुरानी गाड़ी को भी चकाचक रखते हैं.

हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन हैं गांडेय से विधायक

इसके लिए वह खुद मेहनत करते हैं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हुई. इसी बीच उनकी शादी भी हो गयी. बारीपदा की रहने वाले कल्पना सोरेन से. उनकी पत्नी भी इंजीनियर है. जो आज गांडेय की विधायक भी हैं.

बोकारो सेंट्रल स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा

हेमंत सोरेन की आरंभिक शिक्षा बोकारो सेक्टर-फोर स्थित सेंट्रल स्कूल से हुई. स्कूल में भी दोस्तों के साथ वह खूब मस्ती किया करते थे. अपने ग्रुप का वह लीडर होते थे. सीएम बनने के बाद आज भले ही हेमंत सोरेन को भारी सुरक्षा मिली है, पर कभी वो भी दिन था जब वह बोकारो की सड़कों पर बेपरवाह साइकिल की पैडल मार इधर से उधर चक्कर काटा करते थे. बोकारो सेक्टर छह स्थित शॉपिंग सेंटर के नुक्कड़ में दोस्तों के साथ मजमा लगता था.

हेमंत सोरेन : एक परिचय

  • नाम : हेमंत सोरेन
  • जन्मतिथि : 10 अगस्त 1975
  • जन्मस्थान : नेमरा (रामगढ़)
  • पिता : शिबू सोरेन
  • माता : रूपी सोरेन
  • पत्नी का नाम : कल्पना सोरेन
  • संतान : दो पुत्र
  • पारिवारिक पृष्ठभूमि : राजनीतिक

शैक्षणिक पृष्ठभूमि

  • आरंभिक शिक्षा : बोकारो सेक्टर-4 स्थित सेंट्रल स्कूल से
  • मैट्रिक : एमजी हाइस्कूल पटना (1990)
  • आइएससी : 1994 (पटना विश्वविद्यालय)
  • इंजीनियरिंग : बीआइटी मेसरा(मेकानिकल)
  • राजनीति में कदम : 2003 में झारखंड छात्र मोरचा के अध्यक्ष के रूप में आगे आये.
  • राज्यसभा सदस्य : 24 जून 2009 से चार जनवरी 2010 तक
  • विधायक बने : 23 दिसंबर 2009 (दुमका)
  • कब-कब बने सीएम : 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014, 29 दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2024, चार जुलाई 2024
  • पसंदीदा लेखक : प्रेमचंद
  • आदर्श : शिबू सोरेन
  • पसंदीदा व्यंजन : कोई भी शाकाहारी व्यंजन
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