रांची : रांची के बड़गाईं स्थित अंचल कार्यालय के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल फोन से नकद लेन-देन के अलावा हेमंत सोरेन के कब्जे वाली जमीन का ब्योरा मिला. यह ब्योरा मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप ने तैयार किया था. सर्वे के दौरान इस जमीन पर हेमंत सोरेन का कब्जा पाया गया. हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर 36.34 लाख रुपये नकद मिले. इसके अलावा जालसाजी से हासिल की गयी जमीन के सिलसिले में चल रही जांच से संबंधित दस्तावेज मिले. इडी की ओर से कोर्ट में पेश किये गये प्रोडक्शन पिटिशन में इस बात का उल्लेख किया गया है.
पिटिशन में कहा गया है कि जालसाजी कर सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री से संबंधित मामले (RNZO/18/2022) की जांच के दौरान एक गिरोह का पता लगा. राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप इस गिरोह का एक सदस्य है. उसके घर से 11 ट्रंक दस्तावेज जब्त किये गये थे. इसमें बड़े पैमाने पर जमीन से जुड़े दस्तावेज में छेड़छाड़ की गयी है. सरकार के साथ इस बिंदु पर साझा सूचना की गयी थी. इस सूचना पर सरकार के स्तर से सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसे इसीआइआर के रूप में दर्ज किया गया. राजस्व कर्मचारी को मोबाइल डाटा से नकद लेन-देन और बड़गाईं स्थित 8.5 एकड़ जमीन का विस्तृत ब्योरा मिला.
यह ब्योरा राजस्व कर्मचारी ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भेजे गये निर्देश के आलोक में तैयार किया था. इडी द्वारा किये गये सर्वे के दौरान सभी प्लॉट एक चहारदीवारी के अंदर पायी गयी. साथ ही जमीन पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन का कब्जा पाया गया. पीएमएलए की धारा 2(1)(u)r/w और 2(1)(v) के तहत प्रॉसिड ऑफ क्राइम है. जांच में मिले तथ्यों से यह पता चलता है कि हेमंत सोरेन का संबंध भानु प्रताप से है. वह भानु प्रताप के साथ मिल कर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करनेवालों में शामिल हैं. इडी ने जांच के उद्देश्य से उन्हें समन भेजा, लेकिन वह समन को नकारते रहे. इसके बाद आगे की जांच के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.
खाता नंबर—– क्षेत्रफल—– प्रकृति
221———–2.33——- गैर भुइंहरी
210———-3.26—–बकाश्त भुइंहरी
109——-2.06——-बकाश्त भुइंहरी
234——-0.84——- बकाश्त भुइंहरी
223——0.61—–बकाश्त भुइंहरी
227—–0.41—— बकाश्त भुइंहरी
234—-0.32——–बकाश्त भुइंहरी