हेमंत सोरेन पत्थर लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने आदेश की प्रति RTI के तहत देने से इनकार कर दिया है. आयोग का कहना है कि यह सूचना अधिकार अधिनियम से मुक्त है, इसलिए जवाब नहीं दिया जा सकता है. गौरतलब है कि बोकारो जिला निवासी कसमार प्रखंड के हेमंत कुमार महतो ने भारतीय निर्वाचन आयोग से खनन लीज मामले में आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी.
जिसका जवाब हेमंत कुमार महतो को आ गया है. जवाब में बताया गया है कि मांगी गयी जानकारी और दस्तावेज को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8(1)(ड़) और 8(1)(ज) के तहत प्रकटीकरण से छूट दी गयी है. यदि आप उपलब्ध कराये गये जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो प्रथम अपील, इस पत्र की प्राप्ति से 30 दिनों के भीतर की जा सकती है.
आयोग ने अपने जवाब से स्पष्ट कर दिया है कि हेमंत सोरेन के खनन लीज के मामले को सूचना के अधिकार से बाहर रखा गया है. निर्वाचन आयोग के इस जवाब से अब माना जा रहा है कि राजभवन भी झामुमो को आदेश की प्रति देने के लिए बाध्य नहीं है. गौरतलब है कि झामुमो ने भी आठ अक्तूबर को सूचना अधिकार के तहत राजभवन को आवेदन देकर निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गये लिफाफे के पत्र की प्रतिलिपि मांगी थी. यानी माना जा रहा है कि राजभवन भी झामुमो को जवाब नहीं देगा.
हेमंत कुमार महतो ने 22 सितंबर को निर्वाचन आयोग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी को आवेदन देकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज से संबंधित ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में निर्वाचन आयोग में दायर शिकायतवाद और चुनाव आयोग द्वारा राज्यपाल को भेजे गये बंद लिफाफे में फैसले की प्रतिलिपि मांगी थी. इसके उत्तर में 12 अक्तूबर को निर्वाचन आयोग के सचिव अमित कुमार ने हेमंत कुमार महतो को पत्र भेज कर कहा है कि इसकी सूचना नहीं दी जा सकती है.