झामुमो ने हेमंत सोरेन के मुद्दे पर भाजपा को घेरा, कहा- जो हुआ, उसकी परिकल्पना पहले से थी

शनिवार को पार्टी के कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सोरेन के इस्तीफा के बाद राज्य में जो स्थिति बनी उसे सबने देखा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2024 4:42 AM

रांची : झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में जो हुआ, इसकी परिकल्पना हमलोग पहले से ही कर रहे थे. 31 जनवरी को दिन के एक बजे से जो राजनीति नाटक शुरू हुआ. इसके मुख्य किरदार कई लोग बने. इसे रूपांतरित करने में एक केंद्रीय एजेंसी का सहारा लिया गया. लोगों ने अपने राज्य के संवैधानिक प्रमुख को भी देखा. यह भी देखा कि यह राज्य 40 घंटे तक अनिर्णय की स्थिति में था. अभिभावक विहीन था. कार्यकारी प्रमुख कोई नहीं था.

शनिवार को पार्टी के कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सोरेन के इस्तीफा के बाद राज्य में जो स्थिति बनी उसे सबने देखा. यह केवल और केवल असंवैधानिक साजिश थी. कल के घटनाक्रम के बाद राज्यपाल का दिल्ली जाना. इसको आप देखेंगे, तो लगेगा कि किस प्रकार केंद्र की सत्ता डरी हुई है. भाजपा के लोग डरे हुए हैं.

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उन्होंने कहा कि भाजपा 2014 से 2019 तक इस राज्य के अस्तित्व को मिटाने की परिकल्पना कर रही थी. यही वजह है कि जनता ने उसे नकार दिया, तो ये येन-केन प्रकारेण सरकार गिराने की साजिश में जुट गये. हमारा नारा था कि हेमंत है, तो हिम्मत है. भाजपा जानती थी कि वह हिम्मत के सामने नहीं घुस पायेगी. इसलिए चोर दरवाजा से अंदर आने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के 72 घंटे हो गये. रिमांड आ गया, लेकिन किसी को मालूम नहीं चला कि गिरफ्तारी के लिए क्या धारा लगी है. यह नहीं बताया गया कि जमीन का डॉक्यूमेंट्री एविडेंस है या नहीं.

झामुमो जल्द जारी करेगा श्वेत पत्र

सुप्रियो ने कहा कि सीएम के इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री का चयन क्यों नहीं किया गया. यह जमीन आंदोलनकारियों की है. सबकुछ सामने और सही होने के बाद भी राज्यपाल मौन रहे. जब लोगों में आक्रोश देखा, तब भाजपा को सांप सूंघ गया और रात में बुला कर सरकार बनाने का न्योता दिया गया. राज्यपाल ने किस आधार पर बहुमत सिद्ध करने को कहा.

किस चीज का विश्वास मत साबित करने की बात कर रहे हैं. राज्यपाल को मालूम होना चाहिए कि जितनी संख्या हमारी पहले थी, अभी भी हमारे पास है. 47 विधायक अब भी हैं. पार्टी जल्द ही श्वेत पत्र जारी करेगी और बताने का काम करेगी कि कैसे गैरकानूनी तरीके से राजनीतिक तरीके से परेशान किया गया है.

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