निर्वाचन आयोग ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि राज्यपाल रमेश बैस ने उन्हें अयोग्य ठहराने के मामले में दूसरी राय नहीं मांगी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आयोग ने श्री सोरेन को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उसे राज्यपाल की ओर से ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है. इससे पहले रविवार को रांची में श्री सोरेन ने कहा था कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह खनन पट्टा मामले में विधायकी से अयोग्य ठहराये जाने के मामले में राज्यपाल द्वारा ‘दूसरी राय’ मांगे जाने के अनुरोध की एक प्रति उन्हें प्रदान करें. श्री सोरेन ने राज्यपाल के 27 अक्तूबर के एक बयान की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की थी.
राज्यपाल ने कहा था कि उन्होंने मामले में ‘दूसरी राय’ मांगी है. राज्यपाल रमेश बैस ने दावा किया था कि ‘झारखंड में किसी भी समय एक-आध परमाणु बम विस्फोट हो सकता है.’ उन्होंने मामले में लंबित अपने निर्णय की ओर इशारा करते हुए यह बात कही थी.
सीएम हेमंत सोरेन ने रविवार को ‘पीटीआइ-भाषा’ से कहा था, ‘मैंने लाभ के पद के मामले में अपने वकील के माध्यम से राज्यपाल रमेश बैस के ‘दूसरी राय’ के अनुरोध की एक प्रति निर्वाचन आयोग से मांगी है.’ उन्होंने कहा था, ‘वकील ने मेरी ओर से कहा है कि निर्वाचन आयोग राज्यपाल द्वारा किये गये दूसरे अनुरोध के आधार पर कोई राय देने से पहले निष्पक्ष और प्रभावी सुनवाई का अवसर प्रदान करेगा.’
भाजपा ने लाभ के पद के मामले में श्री सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की याचिका दाखिल की थी. इसके बाद निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को झारखंड के राज्यपाल को अपना फैसला भेजा था, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था.