रांची : मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने बुधवार को सात घंटे से भी ज्यादा चली पूछताछ के बाद झारखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. रात 8:30 बजे हेमंत सोरेन इडी की हिरासत में राजभवन पहुंचे. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ते हुए अपना इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंपा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. इसके बाद इडी ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की. थोड़ी ही देर में इडी की टीम हेमंत सोरेन को साथ लेकर राजभवन के गेट नंबर-4 से निकली और सीधे एयरपोर्ट रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय चली गयी. रात सवा दस बजे हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी बेटे के साथ ईडी कार्यालय पहुंचीं. हेमंत सोरेन को गुरुवार को पीएमएलए अदालत में पेश किया जायेगा. ईडी द्वारा उन्हें रिमांड मांगे जाने की संभावना है.
सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान ही इडी की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिये जाने की सूचना दी गयी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने संवैधानिक परंपराओं का निर्वाह करते हुए त्यागपत्र देने के बाद गिरफ्तारी प्रक्रिया पूरी करने का अनुरोध किया. इडी ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. साथ ही त्यागपत्र दिलाने अपने साथ लेकर राजभवन गयी. मुख्यमंत्री के अनुरोध पर उनके साथ पांच विधायकों को आने की अनुमति राजभवन ने दी. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन ने कहा कि वह बाहर निकल कर पहले पत्रकारों से बात करेंगे. फिर इडी के साथ जायेंगे. राज्यपाल ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके बाद इडी के अधिकारी उन्हें अपने साथ ले गये.
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हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी इसीआइआर संख्या आरएनजेडओ/25/23 के सिलसिले में की गयी है. इडी ने यह इसीआइआर सदर थाने में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आलोक में की थी. इडी ने मामले की प्रारंभिक जांच में यह पाया था कि बड़गाईं अंचल में डीएवी बरियातू के पीछे 8.45 एकड़ जमीन पर मुख्यमंत्री का कब्जा है. इस जमीन की मापी का निर्देश बड़गाईं अंचल को उदय शंकर नामक पीपीएस ने दिया था. वह मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के साथ प्रतिनियुक्त था.
मामले की प्रारंभिक जांच के बाद इडी ने मुख्यमंत्री से पूछताछ करने के लिए अगस्त 2023 से समन जारी करना शुरू किया. मुख्यमंत्री ने इडी की कार्रवाई को कानूनी चुनौती दी. पर सुप्रीम कोर्ट से हाइकोर्ट तक की कानूनी जंग में उन्हें राहत नहीं मिली. इसके बाद इडी ने उन्हें समन के साथ ही चेतावनी भी दी. आठवें समन के आलोक में मुख्यमंत्री ने 20 जनवरी को पूछताछ के लिए इडी को बुलाया. पूछताछ के बाद इडी ने नौवां समन जारी किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने उचित समय पर जवाब देने से संबंधित पत्र भेज दिया. इसके बाद इडी ने 27 जनवरी को 10वां समन जारी कर 29 या 31 में से किसी एक दिन पूछताछ के लिए समय निर्धारित करने का निर्देश दिया. साथ ही 28 जनवरी तक इसकी सूचना नहीं देने पर खुद ही सीएम के पास पहुंचने की चेतावनी दी. सीएम द्वारा समय नहीं बताये जाने पर इडी ने 29 जनवरी को दिल्ली स्थित उनके ठिकानों पर छापा मारा, लेकिन वह नहीं मिले. छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री ने पूछताछ के लिए 31 जनवरी का समय निर्धारित किया. पूछताछ के दौरान इडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
इडी ने लोगों की शिकायतों के आधार पर जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले की जांच शुरू की. इडी ने जमीन के मामले में दर्ज दो प्राथमिकी के आधार पर इसीआइआर दर्ज की. इडी ने बरियातू स्थित सेना की जमीन के मामले में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के आधार पर एक इसीआइआर दर्ज की. इसी में हेहल स्थित जमीन की जांच रिपोर्ट भी शामिल कर ली. इडी ने कोर्ट के आदेश पर चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री में हुई जालसाजी के सिलसिले में सदर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दूसरी इसीआइआर दर्ज की. जमीन से जुड़े मामलों की जांच के दौरान इडी ने रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं के अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारी सहित अन्य के ठिकानों पर छापा मारा.
जांच-पड़ताल के दौरान इडी ने मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के पीएस उदय शंकर के घर भी छापा मारा. पीएस के घर छापा मारने का मुख्य कारण राजस्व कर्मचारी के मोबाइल में मिला जमीन की एक ब्योरा था, जिसे उदय शंकर के माध्यम से भेजा गया था. राजस्व कर्मचारी के घर से बक्सों में रखे गये जमीन के दस्तावेज जब्त किये गये. मामले की प्रारंभिक जांच के बाद इडी ने पीएमएलए की धारा-66(2) के तहत सरकार के साथ सूचनाएं साझा कीं और प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया. इडी के अनुरोध पर जिला प्रशासन के आदेश के आलोक में सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई. इडी ने इस प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज किया. इसके बाद उदय शंकर के माध्यम से भेजे गये जमीन के आंकड़े और अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारी के बयान के आधार पर जमीन के मामले में मुख्यमंत्री की भूमिका पर संदेह जताते हुए जांच की दिशा मोड़ी. साथ ही मुख्यमंत्री को जमीन के मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया. समन जारी करने के बाद मुख्यमंत्री और इडी के बीच कानूनी जंग की शुरू हुई. हाइकोर्ट से मुख्यमंत्री की याचिका खारिज होने के बाद इडी ने मुख्यमंत्री को समन जारी किया.
बता दें कि मधु कोड़ा के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इधर, हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से पहले इडी के अधिकारियों पर रांची स्थित एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी भी दर्ज करायी. वहीं, दोपहर करीब 1:30 बजे इडी की टीम सीएम आवास पहुंची. टीम ने 29 जनवरी को दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के ठिकानों पर हुई छापामारी के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर पूछताछ शुरू की, जिसमें वे संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके.
अवैध खनन मामले में भी पूछताछ के लिए सीएम को जारी किया गया था समन जमीन खरीद-बिक्री से पहले इडी ने वर्ष 2022 में भी अवैध खनन के मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी किया गया था. अवैध खनन मामले में इडी के दूसरे समन के आलोक में वे 17 नवंबर 2022 को पूछताछ के लिए इडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर हुए थे. अवैध खनन मामले में उनसे करीब नौ घंटे तक पूछताछ हुई थी. इस दौरान उन्होंने अपने और अपने पारिवारिक संपत्ति की ब्योरा इडी को सौंपा था. इसके अलावा अपने बैंक खातों से संबंधित ब्योरा भी इडी को दिया था. अवैध खनन की जांच के दौरान इडी ने साहिबगंज जिले में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन किये जाने का अनुमान किया है. हालांकि, मुख्यमंत्री की ओर से ईडी के इस अनुमान को गलत गलत बताते हुए पत्र लिखा गया था. इसमें वैध खनन के आंकड़ों उससे मिले राजस्व और जिले में माल ढुलाई के लिए उपलब्ध सुविधाओं के आंकड़ों का इस्तेमाल किया था.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में एक फरवरी को ‘समस्त आदिवासी मूलवासी संगठन’ ने झारखंड बंद का एलान किया है. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने बताया कि बंद का आह्वान केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी सेना, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत, झारखंड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन, आदिवासी लोहरा समाज व अन्य संगठनों ने किया है. उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि उनकी पार्टी ने बंद का कोई कॉल नहीं किया है.