Hemant Soren Disqualified: चुनाव आयोग से अधिसूचना जारी होते ही बरहेट सीट हो जाएगी खाली

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में शुक्रवार को राज्यपाल रमेश बैस ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया. अब उनके फैसले से केंद्रीय चुनाव आयोग को अवगत कराया जायेगा. अब चुनाव आयोग अधिसूचना जारी होने के बाद बरहेट विधानसभा सीट खाली हो जायेगी और वहां छह माह के भीतर फिर से चुनाव कराना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2022 8:42 PM

Hemant Soren Disqualified: ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले राज्यपाल रमेश बैस द्वारा हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले के बाद झारखंड की राजनीति गरमा गयी है. इस मामले में फिलहाल हेमंत सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना होगा. इस्तीफा देते ही उनका विधानसभा क्षेत्र बरहेट सीट खाली हो जाएगी. चुनाव आयोग से अधिसूचना जारी होने के बाद खाली हुए इस विधानसभा सीट पर छह माह के भीतर फिर से चुनाव कराना होगा.

राज्यपाल अपने फैसले से केंद्रीय चुनाव आयोग को कराएंगे अवगत

शुक्रवार को राज्यपाल रमेश बैस ने हेमंत सोरेन की सदस्यता को अयोग्य ठहराया. राज्यपाल अपने फैसले की जानकारी से केंद्रीय चुनाव आयोग को अवगत कराया जायेगा. इसके बाद केंद्रीय चुनाव आयोग राज्यपाल के फैसले के आधार पर इसकी अधिसूचना जारी करेगा. अधिसूचना की प्रति राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के अलावा झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को भेजी जायेगी. इधर, अधिसूचना जारी होते ही हेमंत सोरेन के विधानसभा सीट बरहेट सीट खाली हो जाएगा और एक बार फिर से चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो जाएगी.

बसंत सोरेन और मिथिलेश ठाकुर पर भी लटकी है चुनाव आयोग की तलवार

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई और दुमका के विधायक बसंत सोरेन और झारखंड के पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर भी चुनाव आयोग की तलवार लटकी हुई है. दोनों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 ए के तहत कार्रवाई की मांग की गयी है. बसंत सोरेन पर खनन कंपनी में पार्टनर होने और मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान ठेका कंपनी में साझीदार होने का आरोप है. दोनों पर चुनाव आयोग से जानकारी छिपाने की भी शिकायत की गयी है. चुनाव आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस भी जारी किया है. आयोग में उनके मामले की सुनवाई 29 अगस्त निर्धारित है. वहीं, मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर लगाये गये आरोपों की जांच रिपोर्ट गढ़वा के डीसी ने आयोग को सौंप दी है. श्री ठाकुर को भी नोटिस किया जा सकता है.

Posted By: Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version