Hemant Soren News|Sarkari Naukri in Jharkhand: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार (12 जुलाई) को प्रभात तारा मैदान में 1500 पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के बाद वहां मौजूद भीड़ को संबोधित किया. कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब हमने नियुक्ति पत्र दिया है. इसके पहले भी हमने नियुक्ति पत्र का वितरण किया है.
हमने अब तक 20 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र दिए : हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है. हमने अब तक 20 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र दिए हैं. कुल मिलाकर 60 हजार से अधिक नौजवानों को हमने नियुक्ति पत्र दिए हैं. कहा कि हमने सरकार ठीक से संभाला भी नहीं था कि वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें जकड़ लिया. पूरी दुनिया रुक सी गई थी. विपरीत परिस्थितियों में भी हमने हार नहीं मानी. रात-दिन सजग रहे.
कोरोना खत्म हुआ तो विपक्ष ने षड्यंत्र रचने शुरू कर दिए
झारखंड के सीएम ने कहा कि कोरोना समाप्ति की ओर था, तो हमारे विरोधियों ने अपनी हरकतें शुरू कर दीं. अलग-अलग संस्थाओं की मदद से षड्यंत्र रचने लगे. हमें काम करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन हम रुके नहीं. चलते रहे. चलते रहे. हमें तो अपनी मंजिल तक पहुंचना था. हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे विरोधी सुनियोजित तरीके से घात लगाकर षड्यंत्र रचते हैं. हम झारखंड के लोग इनके षड्यंत्र को कभी-कभी समझ नहीं पाते. इसका नतीजा हुआ कि मुझे 5 महीने जेल में रहना पड़ा.
मुझे पता है कि इन लोगों से कैसे लोहा लेना है
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें उनकी ऐसी बातों से न कभी डर था, न डर है, न डर लगेगा. इनसे कैसे लोहा लेना है, हमें पता है. यह शह-मात का खेल चलेगा. आप आश्वस्त रहें. आपके लिए और इस राज्य की नौजवान पीढ़ी का रोजगार छीनने की हमारी सोच नहीं है. देश में हर चीज का निजीकरण हो रहा है. कॉर्पोरेट के हाथों में सारी चीजें सौंपी जा रहीं हैं. इसलिए नौकरियां छिन रहीं हैं. कहा कि खजाने से सबसे ज्यादा पैसे जिसने लिए, उसने सबसे कम रोजगार दिया.
केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से छोटे-मंझोले उद्योग बर्बाद हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से कई छोटे-मंझोले उद्योग कोरोना में बंद हो गए. सरकार की नीतियों की वजह से वे फिर से नहीं खुल सके. उसमें काम करने वाले लोग एक बार बेरोजगार हुए, तो आज तक दर-दर भटक रहे हैं. हम जहां खड़े हैं, वह प्रभात तारा मैदान एचईसी का मैदान है. एचईसी को उद्योगों की जननी कहा जाता है. इस उद्योग की बदौलत देश ही नहीं, विदेशों में भी उद्योग स्थापित हुए. आज इसकी हालत क्या है.
केंद्र एचईसी को झारखंड सरकार को सौंप दे तो हम इसे संवारेंगे
सीएम ने कहा कि जब यह बना होगा, उस समय 35 से 30 हजार लोग इस कंपनी में काम करते रहे होंगे. आज 10-11 हजार लोग भी यहां नहीं होंगे. इस उद्योग को बचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं है. राज्य सरकार की क्षमता भी नहीं है कि इतने बड़े उद्योग को चला सके. उन्होंने कहा कि भारत सरकार अगर राज्य सरकार को एचईसी सौंप दे, तो हम फिर से इसे संवार लेंगे.
रेल बिक गया, बंदरगाह बिक गए, कई उद्योगों को बेचने की तैयारी
उन्होंने कहा कि एयरफोर्स बिक गया, रेल बिक गया, बंदरगाह बिक गये, कई उद्योगों को बेचने की तैयारी है. कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत ऐसी है कि हमारा रुपया डॉलर के मुकाबले पैर के बल नहीं, सिर के बल खड़ा है. सीएम ने कहा था कि चाणक्य ने कहा था कि जिस देश का राजा व्यापारी होगा, उस देश की प्रजा हमेशा भिखारी होगी. आज देश की स्थित कमोबेश यही है. ऐसे-ऐसे कानून बन रहे हैं, जिससे आदिवासी, गरीब, दलित परेशान हैं. नौजवान सड़क पर आए दिन नौकरी के लिए धरना-प्रदर्शन करते हैं. लेकिन, इनके कान पर जूं नहीं रेंगती.
अधिक से अधिक नौजवानों को राहत देने की कोशिश हमने की
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी सबसे ज्यादा मार राज्य सरकारों पर पड़ती है. हमने कोशिश की कि अधिक से अधिक नौजवानों को राहत दे सकें. रोजगार, नौकरी या स्वरोजगार के जरिए, उनकी मदद करने की कोशिश की. इन लोगों ने ही सबसे अधिक समय तक राज किया. इसी प्रभात तारा मैदान में आकर हमसे डिबेट कर लें, हम अपने 5 साल का हिसाब देने के लिए तैयार हैं. उनके इतने बड़े-बड़े षड्यंत्र रचने के बावजूद हमने राज्य का विकास किया.
स्कूल ऑफ एक्सलेंस में मिलेगी प्राइवेट स्कूल जैसी शिक्षा
हेमंत सोरेन ने कहा कि पूरे देश से अगर आदिवासी अधिकारियों को ढूंढ़कर ले आएं, तो प्रभात तारा मैदान का एक कोना भी नहीं भर पाएगा. हमारी सरकार ने काफी चिंतन मनन करके शिक्षा के क्षेत्र में काम शुरू किया. स्कूल ऑफ एक्सलेंस बनाकर दिया, ताकि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर गरीब बच्चों को भी शिक्षा मिल सकें. और शिक्षकों की नियुक्ति होगी, और स्कूल ऑफ एक्सलेंस बनाएंगे, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएं.
नए शिक्षकों से उम्मीद है कि आपके आने से एक्सलेंट रिजल्ट आएंगे
सीएम ने कहा कि हमने स्कूल ऑफ एक्सलेंस बनाया, आज एक्सलेंट टीचर दे रहे हैं. आपसे यही उम्मीद है कि हम आने वाली पीढ़ी को इस तरह से तैयार करें कि उनका रिजल्ट एक्सलेंट हों. बहुत सारी कमियां हैं, बहुत सारी अच्छाइयां भी हैं. हमने छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना, बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत की, ताकि उनको जीवन में मुश्किल हालात का सामना न करना पड़े. बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें, इसके लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड की शुरुआत करने जा रहे हैं.
सरकार के संकल्प में सहयोगी बनें अभिभावक और शिक्षक : बैद्यनाथ राम
शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं मुख्यमंत्री. विकसित झारखंड बनाने का सपना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देख रहे हैं. यह स्वर्णिम क्षण है, जब मुख्यमंत्री नियुक्ति पत्र दे रहे हैं. जिस विश्वास के साथ मुख्यमंत्री आपको नियुक्ति पत्र दे रहे हैं, आप उसी लगन से बच्चों को शिक्षा देंगे. हमारा राज्य अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा है. हमारा मकसद यही है कि हमारे बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में पीछे न रहें. सरकार के इस संकल्प में अभिभावक और शिक्षक सहयोग करें, तभी उन्नत झारखंड बनेगा.
बच्चों का भविष्य और समाज गढ़ना है आपको : डॉ रामेश्वर उरांव
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि आपकी नियुक्ति नौकरी के लिए नहीं है. समाज सुधार आपकी जिम्मेदारी है. बच्चों का भविष्य गढ़ने की जिम्मेदारी आप पर है. जमाने से समाज और विद्यार्थियों को संवारने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर रही है. उन्होंने चाणक्य समेत कई शिक्षकों के उदाहरण दिए. शिक्षकों ने संस्कार दिया, आचरण दिया. बच्चों को गुणवान बनाया. आपको भी बच्चों को संस्कार देना है, उन्हें सदाचार सिखाना है. बच्चे अच्छे नागरिक बनें ये आपकी जिम्मेदारी है. बच्चे अच्छे नागरिक बनेंगे, तभी देश आगे बढ़ेगा.
बच्चों को ड्रग्स की लत से बचाने में भी आपको भूमिका निभानी होगी
उन्होंने ड्रग्स की बुराई की भी बात की. कहा कि शहरों में ड्रग्स की समस्या है, सभी जानते हैं. मुझे पता है कि गांवों में भी ड्रग्स की बुराई पहुंच गई है. ड्रग्स लेने वाले बच्चे सदाचारी नहीं हो सकते. संस्कारी नहीं हो सकते. इससे भी आपको जूझना होगा. सिर्फ स्कूल जाना और स्कूल खत्म होने के बाद लौट आना, आपकी ड्यूटी नहीं है. हर बच्चे पर आपको ध्यान देना है. बच्चों में साइंटिफिक टेंपरामेंट पैदा करें.
गरीबों के मसीहा हैं हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन : सत्यानंद भोक्ता
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इस अवसर पर हेमंत सोरेन को गरीबों का मसीहा कहकर संबोधित किया. कहा कि जैसे ही मुख्यमंत्री ने झारखंड की कमान संभाली, विदेश से कोरोना महामारी आ गई. अफरा-तफरी का माहौल था. लगा कि देश और प्रदेश बचेगा नहीं. हाजी हुसैन अंसारी और जगरनाथ महतो को हमने कोरोना में खो दिया. इस मुश्किल घड़ी में भी हमारे मुख्यमंत्री की यही चिंता रहती थी कि गांव का विकास कैसे हो. गरीबों का विकास कैसे हो.
पूर्व की सरकार ने दिया टेंशन, हेमंत सोरेन ने दिया पेंशन : भोक्ता
सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि हमारे युवा मुख्यमंत्री ने प्रखंडों में जाकर गांवों की समस्या दूर की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गांव-गांव तक विकास पहुंचाया है. कहा कि पहले की सरकारों ने सबको दिया टेंशन, हमेंत सोरेन ने दिया पेंशन. उन्होंने कहा कि घर में दीया, लालटेन जलाइएगा. आज हेमंत सोरेन के नाम पर घी का दीया जलाइएगा. कहा कि अगर आज के समय कोई नौकरी दे रहा है, तो वो हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी विकास का पहिया नहीं रुका. उन्होंने पूरी ताकत लगा दी प्रदेश के विकास में.
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