झारखंड: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई सोमवार (पांच फरवरी) को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका सुनने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था.

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2024 5:00 AM
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रांची: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पांच फरवरी को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका सुनने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था. इसके बाद हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गयी. याचिका में संशोधन के लिए याचिका दायर की गयी है. हाईकोर्ट में दायर मूल याचिका में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के समन को नियम विरुद्ध घोषित करने और पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गयी थी, लेकिन इसे संशोधित करते हुए गिरफ्तारी को गलत करार देने की मांग की गयी है.

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट ने जाने का दिया था निर्देश

ईडी ने 29 जनवरी को मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी के बाद हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए समय दिया था. साथ ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक साथ याचिका दायर कर ईडी द्वारा जारी किये गये समन को नियम विरुद्ध करार देने और पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो फरवरी को सुनवाई की तिथि तय करने की वजह से हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए पांच फरवरी की तिथि निर्धारित की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया था.

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उन शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे ईडी अफसर, जो दी ही नहीं गयी

हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि है ईडी के अधिकारी उन शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो पीएमएलए-2002 में इन्हें नहीं दी गयी है. आम चुनाव नजदीक होने की वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके पिता के खिलाफ लोकपाल की अदालत में शिकायत की है. इस मामले में सीबीआई ने गलत जांच की. सीबीआई ने जांच कर लोकपाल की अदालत में तीन रिपोर्ट पेश की. इसमें उन संपत्तियों को हमलोगों की पारिवारिक संपत्ति बताया गया है, जो हमारी है ही नहीं. इसके बाद ईडी ने याचिकादाता(हेमंत सोरेन) को पहले अवैध खनन के मामले में समन जारी किया. इस समन के आलोक में उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया. इसके बाद सदर थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 272/23 में उन्हें समन भेजा जाने लगा. ईडी की ओर से उन्हें जिस संपत्ति के मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया गया, वह संपत्ति उनकी है ही नहीं. फिर भी ईडी ने इस मामले में उन्हें लगातार समन भेजना जारी रखा.

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नियम विरुद्ध है उनकी गिरफ्तारी

ईडी के समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे कर ईडी से यह अनुरोध किया गया था कि वह मामले के निबटारे तक समन भेजना बंद रखे, लेकिन ईडी ने समन भेजना जारी रखा. ईडी से सदर थाने में राजस्व कर्मचारी के खिलाफ दायर प्राथमिकी के आलोक में इसीआइआर दर्ज की. थाने में दर्ज प्राथमिकी में वह अभियुक्त नहीं हैं. फिर भी ईडी ने एक ऐसी संपत्ति को याचिकादाता का करार देते हुए गिरफ्तार कर लिया, जो उनके नाम पर नहीं है. इसलिए उनकी गिरफ्तारी और रिमांड नियम विरुद्ध है. याचिका में इन परिस्थितियों के मद्देनजर न्यायालय से गिरफ्तारी और रिमांड को नियम विरुद्ध करार देने का अनुरोध किया गया है.

हेमंत सोरेन से दूसरे दिन भी हुई पूछताछ

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इडी के अधिकारियों ने रविवार को दूसरे दिन भी एयरपोर्ट रोड स्थित कार्यालय में पूछताछ की. वहीं दिन के 11.30 बजे तीन सदस्यीय मेडिकल टीम ने हेमंत सोरेन के स्वास्थ्य की जांच की. इस मेडिकल टीम में डॉ हरिश चंद्रा के अलावा प्रीति तिग्गा व नीतू टोप्पो शामिल थी. वहीं इडी कार्यालय के बाहर सुरक्षा को लेकर व्यापक व्यवस्था की गयी थी. गेट के बाहर झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ के जवान के साथ ही वाटर कैनन, अग्निशमन वाहन, व्रजवाहन की भी तैनाती की गयी थी.

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