रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को 26 पशु चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपा. प्रोजेक्ट भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने छह कर्मियों को अनुकंपा पर नियुक्ति पत्र भी दिया. मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कृषक पाठशाला के संचालन के लिए संस्थाओं के साथ एमओयू हुआ. पशुधन स्कीम के तहत पशु और पक्षियों की आपूर्ति के लिए चयनित एजेंसियों के साथ भी एमओयू हुआ. मौके पर सीएम ने कहा कि कृषि व्यवस्था झारखंड की आत्मा है. इसमें कुछ करने का लक्ष्य होना चाहिए. इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. वास्तव में जो किसान होते थे, अब खेतिहर मजदूर होते जा रहे हैं. इसका एक बड़ा कारण नीति के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन भी है. आज भी देश में सबसे अधिक रोजगार कृषि ही देता है. लेकिन, आज देश स्तर पर इसको लेकर चिंता बहुत नहीं है. कई देशों ने खेती की वजह से दुनिया में पहचान बनायी है. किसानों को अगर उत्पादों की उचित कीमत नहीं मिलती है, तो आपदा हो जाती है. हम इसको बदलने की कोशिश कर रहे हैं. राज्य बनने के साथ ही चिंता होना चाहिए था. इसी कारण हमलोगों ने कृषि को चार हजार करोड़ बजट में देने का निर्णय लिया है. सरकार कई योजनाएं बना रही है.
राइस मिल लगाने की पहल की गयी है
सरकार धान खरीद रही है, लेकिन राइस मिल इतनी कम है कि चाह कर भी धान नहीं खरीद पा रहे हैं. राइस मिल लगाने के लिए हम लोगों ने नीति बनायी है. इससे धान लगाने वाले किसानों की रुचि भी बढ़ेगी. हम कुपोषण से लड़ने की योजना बना रहे हैं. इससे जीतने के लिए पुरानी व्यवस्था और परंपरा में जानी होगी. गांव की व्यवस्था को बहाल करना होगा.
100 कृषक पाठशाला खुलेगी
कृषि मंत्री बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि एक हजार कृषक समूह बनाकर उनसे आधुनिक खेती करायी जाये. उनकी परिकल्पना को कृषक पाठशाला के माध्यम से उतारा जा रहा है. पूरे राज्य में तीन साल में 100 कृषक पाठशाला तैयार होगी. इससे आसपास के किसानों को भी जोड़ा जायेगा.
कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीख ने कहा कि हाल ही में सरकार ने 130 पशु चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिया था. फिर 26 पशु चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. कृषक पाठशाला की स्कीम 2021-22 में शुरू की गयी थी. बीते साल 17, इस साल 26 तथा शेष अगले साल कृषक पाठशाला बनायी जायेगी. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, सीएम की प्रधान सचिव बंदना डाडेल, सचिव विनय चौबे तथा पशुापलन निदेशक चंदन कुमार भी मौजूद थे.
कागज में तो सब है, लेकिन किसानों को पता नहीं
रांची. सीएम ने कहा कि देवघर में एक साथ कई बकरियों के मरने की सूचना मिली. आज ही मैंने मुख्य सचिव से पूछा क्या जानवरों का बीमा होता है. मुख्य सचिव ने सचिव से पूछा. सचिव ने बगल में पूछा. भविष्य में जानवरों के भी बीमा की व्यवस्था होगी. इसके लिए बैंकों के साथ बैठक होगी. सरकार सुनिश्चित करेगी की किसानों को किसी तरह का नुकसान नहीं हो.