मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में किये गये अनधिकृत आवासीय निर्माण के साथ व्यावसायिक उपयोग के लिए बनाये गये भवनों को भी नियमित करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है. विभाग द्वारा इसके लिए अनधिकृत आवासीय निर्माण के नियमितीकरण के लिए योजना -2022 का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए दस सदस्यीय उच्चस्तरीय अंतर विभागीय समिति का गठन के लिए निकाले गये आदेश में सुधार किया है.
21 अक्तूबर को निकाले गये आदेश में सुधार करते हुए आवासीय शब्द को विलोपित कर दिया गया है. पूर्व में निकाले गये आदेश के मुताबिक कमेटी को केवल आवासीय निर्माण को नियमित करने पर ही विचार करना था. लेकिन पूर्व के आदेश से आवासीय शब्द विलोपित करने का अर्थ है कि अब कमेटी व्यावसायिक निर्माण के लिए किये गये अनधिकृत निर्माण को भी नियमित करने पर विचार करेगी.
अनधिकृत निर्माण को नियमित करने के लिए समिति विभिन्न राज्यों के आदेश या योजना का अध्ययन करेगी. उच्चस्तरीय समिति विभिन्न राज्यों द्वारा अनधिकृत निर्माण को नियमित करने को लेकर जो योजना बनायी है. उसका अध्ययन कर झारखंड राज्य के स्थानीय प्राचलों के सापेक्ष अनधिकृत निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना- 2022 का प्रारूप तैयार कर नगर विकास एवं आवास विभाग को उपलब्ध करायेगी.
इस संबंध में समिति के अध्यक्ष और सदस्य आवश्यकतानुसार भ्रमण भी कर सकते हैं, ताकि योजना को वास्तविक रूप से प्रभावित करने के तौर-तरीकों का अध्ययन कर प्राप्त विशेष पहलुओं को तैयार किए जानेवाले योजना के प्रारूप में समाहित किया जा सके.
नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि रांची नगर निगम के नगर आयुक्त, गिरिडीह नगर निगम के नगर आयुक्त, भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख, पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख, नगर विकास एवं आवास विभाग के तकनीकी कोषांग के मुख्य अभियंता, अग्निशमन सेवा के महानिदेशक, योजना विकास विभाग के संयुक्त निदेशक, नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव या उप सचिव और नगर निवेशक सदस्य होंगे.