Hemant Soren Gift: झारखंड के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. हेमंत सोरेन सरकार 5 लाख स्टूडेंट्स को साइकिल देने जा रही है. आठवीं कक्षा के 5 लाख छात्र-छात्राओं को साइकिल मिलेगी. अप्रैल 2025 में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने के बाद मई में साइकिल का वितरण शुरू कर दिया जाएगा. इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है. मार्च 2025 में 7वीं की परीक्षा हो जाएगी. इसी महीने रिजल्ट भी जारी कर दिए जाएंगे. रिजल्ट आने के बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 1 अप्रैल 2025 से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. सरकार मई 2025 में साइकिल का वितरण शुरू कर देना चाहती है.
फरवरी-मार्च में टेंडर, मई में साइकिल वितरण
साइकिल वितरण समय पर हो जाए, इसके लिए फरवरी-मार्च में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. अगर एक बार फिर टेंडर नहीं हो पाता है, तो स्टूडेंट्स के बैंक अकाउंट में पैसे भेज दिए जाएंगे. अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) स्टूडेंट्स को कल्याण विभाग की ओर से साइकिल खरीदने के लिए 4,500 रुपए मिलेंगे. वहीं, सामान्य वर्ग के स्टूडेंट्स को शिक्षा विभाग की ओर साइकिल खरीदने के लिए 3500 रुपए दिए जाएंगे. पिछले 3 साल से यही व्यवस्था चल रही है.
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए सरकार देगी साइकिल
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है. बताया गया है कि 7वीं में 5.20 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं. ये सभी इस बार परीक्षा देंगे और करीब 5 लाख बच्चों के आठवीं में दाखिला लेने की उम्मीद है. 8वीं में एडमिशन लेने वाले 5 लाख बच्चों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए सरकार की ओर से साइकिल दी जाएगी, ताकि उन्हें स्कूल आने-जाने में दिक्कत न हो.
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आरक्षित और सामान्य वर्ग के स्टूडेंट्स को मान राशि पर सहमति नहीं
कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने दिसंबर 2024 में ही एक समीक्षा बैठक की थी, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिया था कि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही छात्र-छात्राओं को साइकिल मिल जानी चाहिए. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने भी इस पर सहमति जताई थी. हालांकि, आरक्षित और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को साइकिल के लिए समान राशि देने की बात पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है.
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लगातार 3 साल तक एक ही कंपनी ने दिया टेंडर, नहीं मिला ठेका
वर्ष 2020-21, वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में स्टूडेंट्स के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए गए थे, क्योंकि तब टेंडर नहीं हो पाया था. एक ही कंपनी ने बार-बार टेंडर दिया, इसलिए उसे साइकिल की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी नहीं दी गई.
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