झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का 3 साल पूरा होने को है. 29 दिसंबर 2022 को सीएम हेमंत सोरेन विभिन्न योजनाओं के लाभुकों को 1200 करोड़ रुपये का वितरण करेंगे. हालांकि, इस मौके पर किसी बड़े समारोह का आयोजन नहीं किया जायेगा. ये राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में पहुंचाई जाएगी. अपने कार्याकाल में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरूआत की. इनमें से कई योजनाएं तो ऐसी है जिसकी जिनकी मांग लंबे समय से हो रही थी, तो कई ऐसी जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ. आज हम ही ऐसी ही कुछ योजनाओं के बारे में जानेंगे जो काफी सुर्खियां बटोरी.
1 सितंबर 2022 का दिन सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद यादगार दिन था. क्यों कि इसी दिन कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने पर सहमति बनीं. इसके तहत एक दिसंबर 2004 से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों या उनके परिवारों को लाभ मिलेगा. इस योजना का चयन करने वाले कर्मचारियों के वेतन से अब 10 प्रतिशत मासिक अंशदान की कटौती नहीं होगी.
झारखंड सरकार ने 12 अक्तूबर 2022 को आपकी सरकार आपकी द्वार योजना की शुरूआत की. जो दो चरणों में चला. इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार द्वारा चलायी जा रही लोक-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गांव के अंतिम व्यक्तियों तक पहुंचाना था. इसके लिए गांव गांव में शिविर लगाया गया. अब तक इस योजना के तहत लाखों लोगों के समस्याओं का ऑन द स्पॉट निष्पादन हुआ.
झारखंड सरकार ने राज्य के बीपीएलधारियों को सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत वस्त्र उपलब्ध करा रही है. इसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया. इस योजना के तहत लाभुकों को साल में दो बार 10 रुपये में धोती/लूंगी, साड़ी दी जाती है. इससे राज्य के 57.11 लाख परिवार लाभान्वित हुए.
हेमंत सोरेन सरकार ने महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना लागू की है. इसके तहत कक्षा 8 से 12वीं तक की छात्राओं को 20 हजार रुपये अनुदान दिया जाता है. सरकार की तरफ से कक्षा 8वीं और 9वीं में पढ़नेवाली छात्राओं को ढाई हजार रुपये और 10वीं, 11वीं व 12वीं की छात्राओं को 5 हजार रुपये दिए जाते हैं.
इसके अलावा जब छात्रा 18 साल की होती है, तो एकमुश्त 20 हजार रुपये दिए जाते हैं. सीएम हेमंत सोरेन कहते हैं कि इस योजना के जरिए सावित्रीबाई फुले के संघर्ष को सम्मान देने की एक छोटी सी कोशिश की गयी है. इससे झारखंड की लाखों बहनों और बेटियों को जोड़ने के लिए सरकार प्रयासरत है.
गोमके जयपाल सिंह मुंडा योजना के तहत झारखंड सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को विदेशों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री के प्रयास से ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा अधिकतम पांच छात्र/ छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी करते हुए इस छात्रवृत्ति योजना शुरू की गयी थी. झारखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब किसी सरकार ने प्रतिभाशाली बच्चों को विदेशों में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप प्रदान करती है.