Jharkhand News : कोयला खदानों की नीलामी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची हेमंत सोरेन सरकार, ये है वजह

Jharkhand, Supreme Court, Commercial Mining, Coal Block, Hemant Soren, Narendra Modi : रांची : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कोयला खदानों की नीलामी के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कोयला खदानों की नीलामी पर रोक लगाने की मांग की है. राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से 41 कोयला खदानों की वर्चुअल नीलामी का बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2020 6:28 AM
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रांची : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कोयला खदानों की नीलामी के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कोयला खदानों की नीलामी पर रोक लगाने की मांग की है. राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से 41 कोयला खदानों की वर्चुअल नीलामी का बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा.

हेमंत सोरेन सरकार का तर्क है कि नीलामी के फैसले से राज्य सरकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से कोल ब्लॉक का उचित मूल्य इस वक्त नहीं मिलेगा. व्यावसायिक खनन शुरू होने से राज्य के आदिवासियों का जीवन प्रभावित होगा. झारखंड सरकार ने कहा है कि कोयला खनन का झारखंड की विशाल आबादी और वन भूमि पर सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव पड़ेगा, जिसके निष्पक्ष मूल्यांकन की जरूरत है.

दरअसल, केंद्र सरकार ने जिन 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है, उनमें से कई कोल ब्लॉक झारखंड में हैं. केंद्र सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी. हेमंत सोरेन की सरकार ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन नीलामी शुरू करने के समय पर आपत्ति जतायी है.

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इस नीलामी प्रक्रिया में देश के साथ-साथ विदेशी कंपनियां भी भाग ले सकेंगी. कोयला खदान खरीदने के लिए सरकार ने 100 फीसदी विदेशी निवेश की भी छूट दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा था कि अगर भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है, तो कोयला का सबसे बड़ा निर्यातक हम क्यों नहीं बन सकते. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार के सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाने के बाद नीलामी प्रक्रिया पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून, 2020 को 41 कोयला खदानों की वर्चुअल नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की थी. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने इस पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है. इससे पहले झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह प्रदेश के खदानों की नीलामी छह से नौ महीने तक टाल दे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी को इस संबंध में पत्र भी लिखा था.

हेमंत सोरेन ने कोयला मंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि प्रस्तावित कोल ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया को छह से नौ माह के लिए आगे बढ़ाया जाये, क्योंकि कोरोना संक्रमण एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रोक की वजह से नीलामी प्रक्रिया में कई देशी-विदेशी कंपनियां भाग नहीं ले सकेंगी. घरेलू उद्यमों को भी अर्थव्यवस्था के धीमे होने की स्थिति में वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसका प्रभाव नीलामी प्रक्रिया पर पड़ेगा.

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Posted By : Mithilesh Jha

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