Hemant Soren Government, रांची: हेमंत सरकार ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अपना खजाना खोल दिया. झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ 21 की जगह 18 वर्ष की उम्र से ही युवतियों को देने का फैसला लिया गया है. वहीं, 65 वर्ष से अधिक उम्र के अधिवक्ताओं को पेंशन, मेडिक्लेम व बीमा का लाभ देने का निर्णय लिया. सहिया, आशा सहिया, साथी व साधन सेवी को प्रोत्साहन राशि देने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी. साथ ही सहायक पुलिसकर्मियों को अवधि विस्तार देते हुए उनका मानदेय, वर्दी भत्ता, मेडिक्लेम व बीमा राशि में वृद्धि पर सहमति दी. इसके अलावा जल सहिया का मानदेय दोगुना करने, राज्य के दूग्ध उत्पादकों को दी जानेवाली प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी और मदरसों व संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम देने को मंजूरी दी गयी.
कुल 63 एजेंडों को मिली स्वीकृति
कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि बैठक में कुल 63 एजेंडों को स्वीकृति दी गयी. हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल ने मंईयां सम्मान योजना का लाभ देने के लिए निर्धारित उम्र सीमा 21 वर्ष को कम करते हुए 18 वर्ष करने का निर्णय लिया है. फिलहाल, इस योजना में 48 लाख लाभुक हैं. अब इसमें 18 साल से ऊपर की लगभग आठ लाख महिलाएं (कुल 56 लाख) भी शामिल होंगी. योजना पर होनेवाला अतिरिक्त खर्च 560 करोड़ को मिला कर कुल 6720 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
जल सहिया का मानदेय बढ़ा कर 2000 रुपये किया गया :
हेमंत सोरेन (Hemant Soren Government) कैबिनेट ने शहरी और ग्रामीण स्तर की जल सहिया को मिलनेवाले प्रतिमाह 1000 रुपये का मानदेय बढ़ा कर 2000 रुपये करने का निर्णय लिया. वर्तमान में राज्य में कुल 29398 सहिया कार्यरत हैं. सहिया को मानदेय देने के लिए राज्य सरकार 79.55 करोड़ रुपये खर्च करेगी. कैबिनेट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आशा सहिया, साथी व साधन सेवी को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया. अब ग्रामीण सहिया को 1000 की जगह 2000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे. वहीं, आशा सहिया को भी 2000 रुपये दिये जायेंगे. सहिया साथी को 50 रुपये प्रतिदिन, प्रखंड प्रशिक्षक दल को 80 रुपये प्रतिदिन व राज्य प्रशिक्षक दल को 100 रुपये प्रतिदिन दिये जायेंगे. अब तक इन सभी को राज्य सरकार द्वारा कोई राशि देय नहीं थी.
सहायक पुलिसकर्मियों को वर्दी भत्ता के लिए 4000 अलग से :
हेमंत सोरेन (Hemant Soren Government) कैबिनेट ने सहायक पुलिसकर्मियों को एक साल का सेवा विस्तार देने का फैसला किया. साथ ही उनका मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 13 हजार रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की. वार्षिक वर्दी भत्ता के रूप में सहायक पुलिसकर्मियों को अलग से चार हजार रुपये प्रति वर्ष दिये जायेंगे. इसके अलावा उनकी मेडिक्लेम व दुर्घटना बीमा की राशि में भी वृद्धि की गयी है. उनको 50 हजार की जगह एक लाख रुपये का मेडिक्लेम और दो लाख की जगह चार लाख रुपये का दुर्घटना जीवन बीमा किया जायेगा. सहायक पुलिसकर्मियों को राज्य सरकार में संविदा पर काम करनेवाले कर्मियों के लिए अनुमान्य सुविधाएं भी प्रदान की जायेंगी.
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निजी स्कूलों की छात्राओं को भी सावित्री बाई फूले योजना का लाभ :
कैबिनेट ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले नौवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पोशाक के लिए दी जानेवाली राशि दोगुना करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी. सभी विद्यार्थियों को दो-दो सेट यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये वार्षिक की जगह अब 1200 रुपये दिये जायेंगे. मंत्रिमंडल ने आर्थिक रूप से कमजोर निजी विद्यालयों की कक्षा में आठ नामांकन करानेवाली छात्राओं को भी सावित्री बाई फूले योजना का लाभ देने पर सहमति दी. इस पर करीब 3.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
निजी सहायकों का वेतन भत्ता व अन्य सुविधा में संशोधन :
कैबिनेट ने पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री व मंत्री का दर्जा प्राप्त व्यक्तियों के लिए अनुमान्य बाह्य कोटि निजी सहायकों का वेतन भत्ता व अन्य सुविधा में संशोधन की स्वीकृति दी. वर्तमान में उनको 43500 मासिक देय है. जिसे बढ़ा कर 44,900 रुपये किया जायेगा. इसके अलावा उनको अन्य भत्तों का भी भुगतान किया जायेगा. इससे राज्य सरकार पर 90 लाख रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
अधिवक्ताओं को पेंशन के रूप में 14000 रुपये मिलेंगे
कैबिनेट ने लाइसेंस प्रत्यर्पित करनेवाले 65 साल से अधिक उम्र के अधिवक्ताओं को 14000 रुपये पेंशन के रूप में देने का फैसला किया. फिलहाल, अधिवक्ताओं को झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास द्वारा 7,000 रुपये दिये जाते हैं. राज्य सरकार अधिवक्ताओं को पेंशन देने के लिए न्यास को और 7,000 रुपये का भुगतान करेगी. इसका लाभ लगभग 15,000 अधिवक्ताओं को मिलेगा. मंत्रिमंडल ने झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि निधि के तहत निबंधित नये अधिवक्ताओं का स्टाइपेंड 1000 रुपये से बढ़ा कर 5000 रुपये करने का निर्णय लिया. कुल राशि का 50 प्रतिशत भुगतान राज्य सरकार करेगी. साथ ही अधिवक्ताओं का मेडिकल और एक्सिडेंटल इंश्योरेंस के वार्षिक प्रीमियम की समस्त राशि भी राज्य सरकार देगी.