रांची : झारखंड (Jharkhand) की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने सोमवार को विधानसभा (Vidhan Sabha) में हंगामे के बीच आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (Economic Survey Report) पेश की. मंत्री रामेश्वर उरांव ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी किया. इस दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया. हंगामे की वजह से स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
झारखंड विधासनभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने की मांग पर भाजपा नेताओं ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया. हालांकि, स्पीकर ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा को इस मामले में न्याय मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें इंतजार करना होगा. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने यह भी कहा कि न्याय मिलने में वक्त लगेगा. दबाव से न्याय नहीं मिलेगा.
स्पीकर ने भाजपा विधायकों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. भाजपा नेता इस बात पर अड़े हैं कि बाबूलाल को विपक्ष के नेता का दर्जा दिया जाये और उन्हें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठने की अनुमति दी जाये. लेकिन, स्पीकर ने कहा कि अब तक इस पर फैसला नहीं हुआ है और जब तक वह कोई फैसला नहीं ले लेते, बाबूलाल को ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के नेता सुदेश महतो के साथ ही बैठना पड़ेगा.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों के हंगामे की वजह से स्पीकर ने कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थगित कर दी थी. 12:30 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो भाजपा विधायकों ने अपनी मांग उठानी शुरू कर दी और वेल में आकर हंगामा करने लगे. सत्ता पक्ष के विधायकों ने भाजपा विधायकों का प्रतिवाद किया और जवाबी कार्रवाई में वे भी वेल में आकर हंगामा करने लगे. इसी दौरान सरकार ने वर्ष 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी. मंत्री रामेश्वर उरांव ने श्वेत पत्र जारी किया.