Hemant Soren Govt @ 3 Years: झारखंड में शिक्षा को विस्तार देने और गरीब परिवार के विद्यार्थियों (छात्र-छात्राओं) को आर्थिक मदद देने के लिए हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) की सरकार कई पहल कर रही है. 10वीं और 12वीं पास गरीब परिवार के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का अवसर दे रही है, ताकि बच्चे इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईआईटी, आईआईएम, लॉ आदि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल कर सकें. इसके लिए सरकार ने ‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ (Guruji Student Credit Card) की शुरुआत होगी. इसके लिए सरकार 200 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड बनायेगी.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य के बच्चों को अच्छे शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध कराना है. सरकार की इस योजना से वैसे बच्चे जो पहले धन के अभाव में उच्च शिक्षा (Higher Education) हासिल नहीं कर पाते थे, अब उससे वंचित नहीं रहेंगे. गुरुजी क्रेडिट कार्ड के जरिये वे अपना भविष्य गढ़ने का सपना साकार कर सकेंगे.
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने कहा है कि झारखंड राज्य में मान्यताप्राप्त शिक्षण संस्थानों से 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई करने वाले (डिप्लोमा छात्रों के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण) विद्यार्थियों के लिए ऋण की व्यवस्था की जायेगी. इसी उद्देश्य से गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है. बच्चों को गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा, ताकि वे अपनी पढ़ाई के लिए आसानी से कर्ज ले सकें.
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गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत विद्यार्थियों को अधिकतम 15 लाख रुपये का कर्ज मिलेगा. उन्हें बैंकों के जरिये लोन उपलब्ध कराया जायेगा. इस राशि का अधिकतम 30 फीसदी नन-इंस्टीट्यूशनल कार्यों (रहने-खाने के खर्च सहित) के लिए मिलेगा. छात्रों को इसके लिए महज 4 फीसदी का ब्याज ही चुकाना होगा.
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सरकार ने कहा है कि विद्यार्थियों को 4 फीसदी सिंपल रेट ऑफ इंटरेस्ट चुकाना होगा. बाकी के ब्याज का पैसा इंटरेस्ट सबवेंशन के रूप में राज्य सरकार चुकायेगी. यानी राज्य सरकार गारंटर की भूमिका में रहेगी.
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लोन लेने के लिए छात्रों को किसी प्रकार के कोलैटरल सिक्यूरिटी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लोन की राशि को विद्यार्थी 15 साल में चुका सकेंगे.
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बच्चे जो लोन लेंगे, उस पर ब्याज की गणना साधारण ब्याज की दर पर की जायेगी. यह ऋण की पूरी अवधि तक फिक्स्ड रहेगी.
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विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए लोन लेने के लिए बैंक को किसी प्रकार की प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होगी.
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झारखंड सरकार राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में देश के वैसे उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों का चयन करेगी, जो पिछले एनआईआरएफ की लिस्ट में ओवरऑल 200 क्रम संख्या के अंदर अथवा संस्थान की संबंधित श्रेणी में एनआईआरएफ की सूची में टॉप 100 में आते हों अथवा एनएएसी से ‘ए’ श्रेणी या उससे ऊपर का दर्जा प्राप्त हो.