रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की सातवीं सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (7th JPSC Exam 2020) को हेमंत सोरेन की सरकार ने रद्द कर दिया है. प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का प्रावधान नहीं होने की वजह से सरकार ने परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है. राज्य सरकार के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने इस परीक्षा के आयोजन को लेकर भेजी गयी अनुशंसा वापस मंगा ली है. साथ ही कहा गया है कि अब तक की परीक्षाओं में हुए विवादों के निबटारे के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनायी जायेगी.
कार्मिक विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने जेपीएससी के सचिव रणेंद्र कुमार को पत्र भेजकर वर्ष 2017, 2018 और 2019 के लिए संयुक्त रूप से आयोजित होनेवाली सातवीं सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की सूचना रद्द करने के लिए कहा है. साथ ही इससे संबंधित सभी पदों के लिए नियुक्ति को लेकर भेजी गयी अनुशंसा वापस करने को कहा है.
कार्मिक सचिव ने कहा है कि पांचवीं एवं छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षाओं में आरक्षण को लेकर विवाद हुए. अभ्यर्थियों की शिकायतों तथा प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में संशोधन भी किये गये. इन सबके खिलाफ कई याचिकाएं हाइकोर्ट में दाखिल की गयी. इन तमाम विवादों को देखते हुए राज्य सरकार ने फिलहाल सातवीं जेपीएससी की परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है.
श्री सिंह ने कहा कि उक्त विवाद के निराकरण नहीं होने से सातवीं सिविल सेवा परीक्षा भी विवादित हो सकती है. उन्होंने कहा कि तमाम विवादों के निराकरण के लिए एक हाइ लेवल कमेटी बनेगी. जब तक इस कमेटी की अनुशंसा नहीं मिल जाती, तब तक नयी सिविल सेवा की परीक्षा नहीं होगी. ज्ञात हो कि जेपीएससी ने बुधवार (26 फरवरी, 2020) को ही सातवीं सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की घोषणा की थी. इसके तहत एक से 30 मार्च तक ऑनलाइन फॉर्म भरे जाने थे.