झारखंड के मानव तस्करों पर हेमंत सोरेन सरकार का डंडा, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन को दी मंजूरी

Jharkhand News, Ranchi News, Human Trafficking, Anti Human Trafficking Unit, CM Hemant Soren, Human Trafficking in Jharkhand: झारखंड में हर साल हजारों बच्चे और लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हो रही हैं. लेकिन, अब झारखंड के भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर मानव तस्करी करने वालों की खैर नहीं. सूबे की हेमंत सोरेन सरकार ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ कर दिया है. सोमवार (24 अगस्त, 2020) को मुख्यमंत्री ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन को मंजूरी दे दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2020 10:52 PM

रांची : झारखंड में हर साल हजारों बच्चे और लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हो रही हैं. लेकिन, अब झारखंड के भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर मानव तस्करी करने वालों की खैर नहीं. सूबे की हेमंत सोरेन सरकार ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ कर दिया है. सोमवार (24 अगस्त, 2020) को मुख्यमंत्री ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के गठन को मंजूरी दे दी है.

अब राज्य के लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) के गठन संबंधी प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी. इस प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद एएचटीयू का गठन होगा. एएचटीयू अवैध मानव व्यापार की रोकथाम के लिए काम करेगा. मानव तस्करी के शिकार लोगों की रक्षा एवं उससे जुड़े मामलों की जांच और अपराध एवं अपराधियों/ गिरोहों से संबंधित पूरा ब्योरा तैयार करेगा.

केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत राज्य के सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) का गठन किया जाना है. इस सिलसिले में राजधानी रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा तथा दुमका जिले में एएचटीयू थाने कार्यरत हैं. शेष 12 जिलों में इसे खोलने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है.

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उल्लेखनीय है कि मानव तस्करी के असंगठित अपराध है. इसे एक गिरोह चलाता है. इसमें गरीब और भोले-भाले लोगों को फांसा जाता है. नौकरी और अच्छी जिंदगी दिलाने के नाम पर उन्हें उनके घर से दूर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में ले जाते हैं और फिर बेच देते हैं. लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया जाता है, तो लड़कों को अपराध की दुनिया में.

झारखंड में हर साल हजारों लड़के-लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हो रहे हैं. राज्य की सभी सरकारों ने अपने-अपने स्तर से मानव तस्करी को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन उस पर अब तक पूरी तरह से रोक नहीं लग पायी है. हाल के दिनों में भी दिल्ली से कई ऐसी लड़कियों को बचाया गया है, जिन्हें किसी न किसी बड़े आदमी के यहां बेच दिया गया था. इन लड़कियों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार होता था.

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इन लड़कियों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. लड़कियों को देह केंद्र सरकार के निर्देश पर झारखंड सरकार की इस पहल को इसी सामाजिक बुराई को खत्म करने की ओर एक बड़ा कदम माना जा सकता है. हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान मानव तस्करी के अभिशाप से झारखंड को मुक्त कराने का वादा प्रदेश की जनता से किया था.

Posted By : Mithilesh Jha

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