Loading election data...

हेमंत सोरेन सरकार में हुआ है 10 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला, जनता को देना होगा जवाब, बोले बाबूलाल मरांडी

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अब तक जो घोटाले पकड़े गये हैं, उनमें हिस्सा लेकर यह सरकार न सिर्फ घोटालेबाजों को बचाती रही है, बल्कि घोटालेबाजों के अनुभव का लाभ लेकर उससे भी बड़ा घोटाला कर रही है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस सरकार के कई महालूट उजागर होने बाकी हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 6, 2023 7:28 AM
an image

रांची/हजारीबाग: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार फिर हमला बोला है. मंगलवार को हजारीबाग सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की मौजूदा सरकार ने अपने पौने चार साल के कार्यकाल में घोटालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस सरकार में अब तक 10 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर हो चुका है. घोटाला करना, घोटालेबाजों को बचाना, माफिया के सहारे पैसा कमाना इस सरकार का मुख्य काम रह गया है. प्रेस वार्ता में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा भी मौजूद थे.

बाबूलाल मरांडी का हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अब तक जो घोटाले पकड़े गये हैं, उनमें हिस्सा लेकर यह सरकार न सिर्फ घोटालेबाजों को बचाती रही है, बल्कि घोटालेबाजों के अनुभव का लाभ लेकर उससे भी बड़ा घोटाला कर रही है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस सरकार के कई महालूट उजागर होने बाकी हैं. कोयला, बालू जैसी खनिज संपदा की महालूट में क्या-क्या हुआ है, वह भी सामने आना बाकी है. मनरेगा मामले में हाइकोर्ट के आदेश पर अगर छह मई, 2021 को इडी की कार्रवाई शुरू नहीं हुई होती, तो पूजा सिंघल समेत कई लोग पकड़े नहीं जाते. नोटों का भंडार नहीं पकड़ा जाता. यह कार्रवाई न होती, तो यह सरकार घोटाले को न जाने कहां पहुंचा देती. मनरेगा घोटाले की जांच आगे बढ़ने के बाद रोज एक नया घोटाला उजागर होने लगा. यह सिलसिला आज भी जारी है.

Also Read: डुमरी उपचुनाव: बेबी देवी व यशोदा देवी समेत छह प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद, 64.84 फीसदी वोटिंग

घोटालेबाजों को क्यों बचा रहे मुख्यमंत्री

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार से जांच एजेंसी दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कह रही है, लेकिन मुख्यमंत्री कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. राज्य की जनता अब पूछ रही है कि मुख्यमंत्री घोटालेबाजों को क्यों बचा रहे हैं? हेमंत सोरेन को इन सवालों का जवाब झारखंड की जनता को देना ही होगा. खनन घोटाले की जांच में न्यायालय के आदेश से सीबीआइ भी आ गयी है. देखते जाइये कि आगे क्या-क्या होता है.

Also Read: बीएयू: शिक्षक दिवस पर वीसी डॉ ओंकार नाथ सिंह ने किया पंचायतनामा पुस्तक का लोकार्पण, दिया सफलता का गुरुमंत्र

ईडी ने बीरेंद्र राम को पकड़ कर 450 करोड़ बचा लिए

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड सरकार ने बीरेंद्र राम के विभागों से जुड़े करीब 3000 करोड़ के 600 टेंडर जो निकाले जा चुके थे, उसे रद्द कर दिया. इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अगर बीरेंद्र राम पकड़े नहीं जाते, तो टेंडर रद्द नहीं होता. टेंडर रद्द नहीं होता, तो इस 3000 करोड़ में से 15 परसेंट के हिसाब से 450 करोड़ रुपये सीधे दलालों, कुछ अफसरों और सत्ताधारियों की जेब में चले जाते. ईडी की कार्रवाई ने इसे बचा लिया.

जमीन घोटाले में रिकॉर्ड कायम कर रही हेमंत सरकार

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जमीन घोटाले में तो हेमंत सरकार ने रिकॉर्ड ही कायम कर दिया. राज्य सरकार की जमीन के साथ ही सेना तक की जमीन को जाली कागजात बनवाकर इस सरकार ने दलाल बिचौलिया और माफिया के साथ मिलकर बेच खाया. उन्होंने कहा कि राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग का गोरखधंधा चल रहा है. प्रेस वार्ता में विधायक मनीष जायसवाल, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष अशोक यादव भी उपस्थित थे.

कोल लिंकेज घोटाला पकड़े जाने के बाद 142 संस्थानों का आवंटन रद्द

उद्योग का कोल लिंकेज घोटाले में ईडी ने हजारीबाग के इजहार अंसारी एवं उनके जुड़े ठिकाने पर छापामारी की और करीब चार करोड़ नगद पकड़े. जांच में पता चला कि पूजा सिंघल के सौजन्य से इस सरकार ने इजहार की 13 कंपनियों को 38,258 टन कोयला का आवंटन किया था. रियायती दर का यह कोयला उद्योग के लिए आवंटित था, जिसे बनारस की मंडियों में बेच दिया गया. यह घोटाला इडी की पकड़ में आया, तो झारखंड सरकार ने ऐसे 142 संस्थानों का कोयला आवंटन रद्द कर दिया. लेकिन, इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं की. अगर घोटाला नहीं हो रहा था, तो रद्द क्यों किया?

बाबूलाल ने दिया 10 हजार करोड़ के घोटाले का यह हिसाब

550 करोड़ : मनरेगा घोटाला

1500 करोड़ : उद्योगों के लिए आवंटित कोयला का घोटाला

1500 करोड़ : अवैध खनन घोटाला

3000 करोड़ : ग्रामीण विकास के लिए आवंटित फंड का घोटाला

3000 करोड़ : भूमि घोटाला

800 करोड़ : टेंडर घोटाला

100 करोड़ : ट्रांसफर/पोस्टिंग घोटाला

1500 करोड़ : शराब घोटाला

Exit mobile version