सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2023 योजनाओं के क्रियान्वयन का वर्ष है. हमारा पूरा फोकस योजनाओं की गति को रफ्तार देना है. इस कड़ी में योजनाओं की प्रगति की लगातार निगरानी हो रही है. योजनाएं वास्तविक रूप से धरातल पर उतरे. आमलोगों को तमाम योजनाओं का पूरा लाभ मिले. इसमें अधिकारियों- कर्मचारियों की अहम भूमिका है.
आप अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी के साथ निभायें, वरना आपके खिलाफ सरकार कार्रवाई करने को बाध्य होगी. मुख्यमंत्री श्री सोरेन मंगलवार को खतियानी जोहार यात्रा के दौरान न्यू पुलिस लाइन में लातेहार और चतरा जिले संचालित विकास कार्यों और विधि व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास सरकारी कर्मियों की एक बड़ी फौज है. इनके वेतन पर सरकार बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती है. इसके बाद भी अगर योजनाओं की गति धीमी हो. योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिले, तो आप को बैठा कर वेतन देना कहीं से मुनासिब नहीं होगा.
मुख्यमंत्री ने लातेहार शहर में न्यू पुलिस लाइन जाने के रास्ते में नदी पर 2016 से बन रहे पुल का निर्माण कार्य अब तक अधूरा रहने पर पुल का निर्माण करा रहे गायत्री बिल्डकॉन को टर्मिनेट करने का निर्देश दिया. वहीं चतरा जिले के टंडवा प्रखंड में जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति योजना का कार्य कर रही श्रीराम इपीसी कंपनी को भी कार्य की धीमी गति को लेकर शो-कॉज जारी करने का निर्देश दिया. सीएम ने चतरा जिले में मुख्यमंत्री पशुधन योजना की धीमी रफ्तार पर जिला पशुपालन पदाधिकारी को फटकार लगाते हुए 21 फरवरी तक की डेटलाइन देते हुए निलंबित करने की चेतावनी दी.
समीक्षा बैठक में मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक वैद्यनाथ राम और रामचंद्र सिंह, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, मनीष रंजन, कृपानंद झा, एडीजी संजय आनंद लाटकर, पुलिस महानिरीक्षक एवी होमकर, लातेहार के उपायुक्त भोर सिंह यादव, एसपी अंजनी अंजन और चतरा के उपायुक्त अबु इमरान, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन तथा दोनों जिलों के कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
सीएम ने कहा कि समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा उपलब्धियों को दिखाने के लिए आंकड़ों में हेराफेरी की जाती है. लेकिन, आज सूचना तंत्र काफी मजबूत हो चुका है. अब समीक्षा बैठकों में आंकड़ों के साथ उससे संबंधित फोटो भी देखूंगा, ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके. इसलिए, आप आंकड़ों का खेल नहीं खेलें. योजनाओं को जमीन पर उतारें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कागज में आपने जो लिखा है, वह हकीकत में दिखनी चाहिए.