जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन सोरेन को पीएमएलए कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. पांच दिन की ईडी की रिमांड के दौरान उन्हें ईडी कार्यालय में ही रहना होगा. पीएमएलए कोर्ट के विशेष जज दिनेश राय ने हेमंत सोरेन को कैंप जेल में रखने की अपील वाली याचिका शनिवार (3 फरवरी) को खारिज कर दी.
1 और 2 फरवरी की रात बिरसा मुंडा जेल में रहे हेमंत सोरेन
गिरफ्तारी के बाद झामुमो नेता हेमंत सोरेन को हिनू स्थित ईडी के ऑफिस में रखा गया था. एक फरवरी को उन्हें ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से जज दिनेश राय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद उन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया.
अगले दिन यानी 2 फरवरी को कोर्ट में उनकी ईडी अगले दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हिरासत में सुनवाई हुई. ईडी ने 10 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने 5 दिन की ही रिमांड दी. कोर्ट ने कहा कि रिमांड की अवधि 3 फरवरी से शुरू होगी. इस बीच, हेमंत सोरेन के वकील ने कोर्ट से कहा कि दिन में पूछताछ के बाद उनके मुवक्किल को कैंप जेल में रखा जाए. ईडी के वकील ने इसका विरोध किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 3 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया.
Also Read: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, कही ये बात…
हेमंत सोरेन के वकील ने ही उन्हें कैंप जेल में रखने की मांग की है. कोर्ट में दलील दी है कि हेमंत सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. यह भी कहा है कि कई शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हैं. इसलिए उन्हें रात में कैंप जेल में रहने की अनुमति दी जाए. झामुमो नेता के वकील ने हेमंत सोरेन की स्वास्थ्य जांच रिम्स में कराने की अनुमति देने की भी मांग की.
ईडी के वकील ने कोर्ट में इसका विरोध किया. कहा कि कानून में रिमांड के लिए दो ही प्रावधान हैं. पहला ज्यूडीशियल रिमांड और दूसरा पुलिस रिमांड. कोर्ट ने अभियुक्त हेमंत सोरेन को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा है. रिमांड में अभियुक्त की सुरक्षा की जिम्मेदारी ईडी पर है. हेमंत सोरेन को रात में कैंप जेल में रखने की उनके वकील की मांग विधिसम्मत नहीं है.
Also Read: हेमंत सोरेन की याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, हाईकोर्ट जाने का निर्देश
ज्ञात हो कि 31 जनवरी की रात ईडी ने सात से आठ घंटे की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले, उन्होंने ईडी के 4 अधिकारियों समेत अज्ञात के खिलाफ एसटी-एससी कोर्ट में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.