हेमंत सोरेन से जुड़े मामले की जमीन के एक हिस्से की फर्जी डीड इरशाद ने लिखी, इनके इशारे पर करता था काम
ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को बताया है कि छापेमारी के दौरान सद्दाम के घर से फर्जी डीड नंबर-3985/1940 जब्त की गयी थी. यह डीड इरशाद ने लिखी थी.
रांची : बड़गाईं की विवादित जमीन से जुड़े जिस मामले में हेमंत सोरेन को इडी ने गिरफ्तार किया है उसके एक हिस्से की डीड इरशाद ने लिखी थी. वह डीड राइटर का काम करता है. कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय में डीड चेकर की नौकरी करनेवाला तापस घोष, जमीन माफिया के इशारे पर मूल डीड और पेज उपलब्ध कराता था. सफाई कर्मचारी सह नाइट गार्ड के रूप में काम करनेवाला संजीत इसे पहुंचाता था. डीड राइटर इरशाद सीधे इन दोनों के संपर्क में था. डीड में जालसाजी करने के बदले जमीन माफिया इन्हें रुपये देते थे. इडी ने बड़गाईं अंचल में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में गिरफ्तार इन तीनों की कोर्ट में पेशी के दौरान न्यायालय को यह जानकारी दी.
ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को बताया है कि छापेमारी के दौरान सद्दाम के घर से फर्जी डीड नंबर-3985/1940 जब्त की गयी थी. यह डीड इरशाद ने लिखी थी. यह फर्जी डीड खाता नंबर-234 की 6.34 एकड़ जमीन के लिए लिखी गयी थी. इस फर्जी डीड में खाता नंबर-234 के प्लॉट नंबर 989 (84 डिसमिल) और 996(32 डिसमिल) की कुल 1.16 एकड़ जमीन को शामिल किया गया था. खाता नंबर-989 और 996 में शामिल जमीन, हेमंत के कब्जेवाली 8.86 एकड़ जमीन का एक हिस्सा है.
सद्दाम के घर से एक दूसरी फर्जी डीड 3954/1974 जब्त की गयी थी. इस फर्जी डीड में बड़गाईं अंचल के मौजा गाड़ी की 4.83 एकड़ जमीन को शामिल किया गया. यह जमीन रजिस्टर-2 में जीतुआ भोक्ता के नाम पर दर्ज थी. अंचल कार्यालय के रजिस्टर-2 में जालसाजी कर इस जमीन को समरेंद्र घोषाल के नाम किया गया. इरशाद ने इसी 4.83 एकड़ जमीन के लिए एक दूसरी फर्जी डीड 2376/1940 बनायी. इस फर्जी डीड को तैयार करने के लिए इरशाद ने अलाउद्दीन और मकबूल की मदद ली. अब इन दोनों की ही मौत हो चुकी है.
जमीन माफिया ने 21.43 लाख रुपये दिये थे तापस घोष को :
ईडी ने जांच में पाया कि तापस घोष द्वारा कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय से मूल दस्तावेज और सादा पेज उपलब्ध कराने के बदले जमीन माफिया ने उसे 21.43 लाख रुपये का भुगतान किया है. यह राशि उसे बैंकिंग चैनल के माध्यम से दी गयी है. संजीत को उसके द्वारा की गयी मदद के बदले 80 हजार रुपये का भुगतान जमीन माफिया द्वारा उसके बैंक खाते में किया गया है. जमीन माफिया द्वार इरशाद को 8.74 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. इडी ने जालसाजी कर आदिवासी खाते की बेची गयी 4.83 एकड़ की कीमत 22.62 करोड़ रुपये आंकी है. इडी ने बड़गाईं जमीन के सिलसिले में कोर्ट को यह सूचित किया है कि इससे पहले हेमंत सोरेन, भानु प्रताप प्रसाद, अफसर अली, सद्दाम हुसैन, प्रियरंजन सहाय, बिपिन सिंह, इरशाद अख्तर, अंतु तिर्की सहित अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है.