रांची : हाइकोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन की खनन लीज तथा पत्नी-साली की कंपनी को औद्योगिक क्षेत्र में जमीन लीज आवंटन की जांच को लेकर दायर पीआइएल पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रार्थी और राज्य सरकार का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा. साथ ही खंडपीठ ने प्रार्थी से कहा कि शिव शंकर शर्मा के केस से यह मामला कैसे भिन्न है, इस पर अपना यदि कोई लिखित पक्ष दायर करना चाहते हैं, तो तीन दिन में दायर कर सकते हैं.
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए बताया कि सीएम हेमंत सोरेन की माइनिंग लीज से संबंधित शिव शंकर शर्मा की दो पीआइएल सुप्रीम कोर्ट से पहले ही खारिज हो चुकी है. प्रार्थी ने अपनी याचिका में जो आरोप लगाया है, वह आरोप शिव शंकर शर्मा की पीआइएल में भी लगाया गया था. सुनील महतो की इस पीआइएल में नया कुछ भी नहीं है. सीएम और उनके रिश्तेदारों पर एक ही तरह के आरोप लगाये गये हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुकी है. यह पीआइएल सुनवाई योग्य नहीं है. महाधिवक्ता ने याचिका को खारिज करने का आग्रह किया.
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वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विशाल ने बताया कि शिवशंकर की याचिका में सिर्फ हेमंत सोरेन की अनगड़ा में माइनिंग लीज का मामला उठाया गया था. इस याचिका में सीएम हेमंत की माइनिंग लीज के अलावा उनकी पत्नी व साली को इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन देने का भी मामला उठाया गया है. प्रार्थी सुनील ने पीआइएल दायर की है. उन्होंने याचिका में हेमंत की पत्नी व साली की कंपनी सोहराई लाइव स्टॉक प्रालि को औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ से अधिक जमीन आवंटित करने का भी मामला उठाया है.