रांची : झारखंड में सोमवार को अबुआ बीर दिशोम अभियान की शुरूआत हुई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना का शुभारंभ नगाड़ा बजाकर किया. कार्यक्रम रांची के धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन में हुआ. इस दौरान मुख्य सचिव सहित कई अधिकारी मौजूद थे. योजना के तहत वनों पर निर्भर रहने वाले आदिवासियों को वनाधिकार पट्टा दिया जायेगा. इसके तहत अनुमंडल व जिला स्तर पर वनाधिकार समितियों का गठन किया गया है. ये समितियां वनाधिकार पट्टा किसे दिया जाएगा, इसकी अनुशंसा करेंगी.
क्या है योजना का उद्देश्य
झारखंड के लगभग 27 प्रतिशत भू- भाग पर जंगल है. इसमें विभिन्न जनजातीय समुदाय के लोग निवास करते हैं. सरकार भी वन संरक्षण को लेकर गंभीर है. इसी उद्देश्य के तहत सरकार ने इस योजना की शुरूआत की है. चूंकि, सरकार का मानना है कि जंगलों की रक्षा स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिकार देकर की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक अभियान का प्रथम चरण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जायेगा.
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योजना को सफल बनाने के लिए पदाधिकारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
अबुआ बीर दिशोम अभियान को सफल बनाने के लिए जिलों के उपायुक्तों, वन प्रमंडल पदाधिकारियों समेत जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
अबुआ बीर दिशोम अभियान के लिए बनायी गयी है वेबसाइट
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर इस अभियान के लिए एप और वेबसाइट बनाई गई है. इन माध्यमों से इस बात की पूरी जानकारी मिलेगी कि किस जिले में कितनी वनाधिकार समितियां संचालित हो रही है और कौन-कौन ग्रामसभाएं सक्रिय है. इससे वनाधिकार का पट्टा देने के अभियान में तेजी आएगी.